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राष्ट्रीय अभिलेखागार में 'सुभाष अभिनंदन'

नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर एक डिजिटल प्रदर्शनी

केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने किया शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 March 2024 12:40:14 PM

'subhash abhinandan' digital exhibition in national archives

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में 'सुभाष अभिनंदन' डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, जो राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध दस्तावेजों पर आधारित है। अर्जुनराम मेघवाल ने इस अवसर पर कहाकि अमृतकाल के इस कालखंड में अपनी जड़ों को मजबूत करने और भविष्य की नींव रखने केलिए अपने इतिहास को प्रस्तुत करना, पढ़ना, लिखना और समझना बेहद जरूरी है, जिस इतिहास ने आधुनिक भारत की नींव रखी। उन्होंने कहाकि हमारा मिशन 'विरासत भी विकास भी' और भारत को हर क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाना है एवं पुरालेख क्षेत्र उस दिशा में शानदार तरीके से योगदान दे रहा है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के व्यक्तिगत दस्तावेज भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में संरक्षित हैं और इन्हें नेताजी पोर्टल http://www.netjipapers.gov.in/ तथा अभिलेख पटल https://www.abhilekh-patal.in/jspui/ पर देखा जा सकता है। इन अभिलेखों में उनके लिखे गए पत्र, उनके पिताश्री जानकीनाथ बोस की डायरी, आज़ाद हिंद फ़ौज के दस्तावेज़ और उनसे संबंधित कई सरकारी दस्तावेज़ उपलब्ध हैं। प्रदर्शनी में नेताजी के जन्म से लेकर वर्तमान अवधि को कवर करने वाले 16 प्रभाग शामिल हैं, इनमें उनके जीवन की झलकियां प्रस्तुत की गई हैं, जानकीनाथ बोस की डायरी, नेताजी के जन्म, उनके सिविल सेवा परीक्षा परिणाम और तमाम महत्वपूर्ण वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के वर्ष 1920 से 1940 तक के संघर्ष के दशकों को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह संग्रह उनके भाषणों, उनकी साहसिक यात्रा और आज़ाद हिंद फौज के संघर्ष की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनी में उन्हें प्राप्त भारतरत्न तथा नेताजी को सम्मानित करने केलिए संस्कृति मंत्रालय के किए गए दूसरे प्रयासों को भी दर्शाया गया है। सोलह प्रभागों में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन के विभिन्न पहलु हैं-जन्म, विलक्षण प्रतिभा, स्वतंत्रता सेनानी-I, स्वतंत्रता सेनानी-II, स्वतंत्रता सेनानी-III, अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां, लेख और भाषण-I, लेख और भाषण-II, साहसी यात्रा, आज़ाद हिंद फ़ौज (सेनापति)-I, आज़ाद हिंद फ़ौज (रानी झांसी रेजिमेंट)-II, आज़ाद हिंद फ़ौज (तमगा)-III, दिल्ली चलो, एक रहस्य, भारतरत्न और अन्य लोगों के प्रयासों को दिखाया गया है। यह प्रदर्शनी एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है और वर्चुअल रूपमें भी उपलब्ध है।
गौरतलब हैकि भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार अपना 134वां स्थापना दिवस मना रहा है। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के भंडारण में वर्तमान में 34 करोड़ से अधिक पृष्ठों का संग्रह है। सार्वजनिक अभिलेखों के पृष्ठ, फ़ाइलें, खंड, मानचित्र, भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत बिल, संधियां, दुर्लभ पांडुलिपियां, प्राच्य अभिलेख, निजी कागजात, कार्टोग्राफ़िक रिकॉर्ड, राजपत्रों और गजेटियर्स का महत्वपूर्ण संग्रह, जनगणना अभिलेख, विधानसभा और संसद की बहसें, प्रतिबंधित साहित्य, यात्रा वृत्तांत आदि शामिल हैं। प्राच्य अभिलेखों का एक बड़ा हिस्सा संस्कृत, फ़ारसी और उड़िया में भी उपलब्ध है।

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