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'देश के विकास केलिए आर्थिक विकास जरूरी'

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले भारतीय आर्थिक सेवा के परिवीक्षाधीन

'आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र की नीतियों को बनाने में बड़ा योगदान'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 16 April 2024 05:46:49 PM

indian economic service probationers meet president draupadi murmu

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भारतीय आर्थिक सेवा 2022 और 2023 बैच के परिवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि विश्व के बदलते परिदृश्य में और भारत के विकास से जुड़े लक्ष्यों के अनुसार सरकार अनेक सामाजिक एवं आर्थिक सुधार कर रही है, इस उपलक्ष में आर्थिक सेवा के अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। राष्ट्रपति ने कहाकि आर्थिक क्षेत्रों के अलावा आर्थिक सेवा के अधिकारी सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी नीतियां बनाने में बड़ा योगदान दे रहे हैं, वे विभिन्न सरकारी विभागों और नियामक तथा संवैधानिक संस्थानों में कार्य करते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि आर्थिक सेवा के अधिकारी आंतरिक अर्थशास्त्रियों की भूमिका भी कुशलतापूर्वक निभा रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि देश के विकास केलिए आर्थिक विकास एक महत्वपूर्ण घटक है, मध्यम और सूक्ष्म आर्थिक संकेतक प्रगति के उपयोगी पैरामीटर माने जाते हैं, इसलिए सरकारी नीतियों और योजनाओं को प्रभावी और उपयोगी बनाने में अर्थशास्त्रियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि अब जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है तो उन्हें आनेवाले समय में अपनी क्षमताओं को पूर्णतः विकसितकर उनका उपयोग करने के असंख्य अवसर मिलेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि वे इन अवसरों का समुचित लाभ उठाकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि आर्थिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा की जाती हैकि वे आर्थिक विश्लेषण और विकास कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने केसाथ-साथ संसाधन वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने और योजनाओं के मूल्यांकन केलिए उचित सलाह प्रदान करें। उन्होंने कहाकि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, क्योंकि नीतियों का निर्धारण उनके दिए गए सुझावों पर निर्भर करेगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आंकड़ों के विश्लेषण और साक्ष्य आधारित विकास कार्यक्रमों ने सरकार को लोगों के आर्थिक उत्थान में तीव्रता लाने में मदद की है। उन्होंने कहाकि युवा आईईएस अधिकारियों का यह कर्तव्य हैकि वे अपनी कार्य कुशलता को नए विचारों, तरीकों और तकनीकों के माध्यम से बढ़ाएं। उन्होंने कहाकि उनकी रचनात्मकता इस तेजीसे परिवर्तनशील युग में देश केलिए प्रगति के नए द्वार खोलने में मदद करेगी। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुईकि 2022 और 2023 बैच के आईईएस अधिकारियों में से 60 प्रतिशत से अधिक महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कहाकि महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से भारत के समावेशी विकास के संकल्प को पूर्ण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने महिला अधिकारियों से महिलाओं के सर्वांगीण विकास केलिए काम करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने आईईएस अधिकारियों से आग्रह कियाकि अपने कार्यस्थल पर नीतिगत सुझाव देते समय या निर्णय लेते समय वे देश के ग़रीब और पिछड़े वर्गों के हितों को ध्यान में रखें।

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