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सूर्य तिलक से जगमग हुए श्रीरामलला!

श्रीराम नवमी पर अलौकिक दृश्य से श्रद्धालु अभिभूत

आईआईए टीम की सूर्य तिलक परियोजना सफल हुई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 18 April 2024 01:20:45 PM

shri ramlala shines with surya tilak!

अयोध्या। सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में कई वर्षों बाद उनके बालस्वरूप की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के साथ चैत्र मास में देशभर में मनाई जानेवाली श्रीराम नवमी पर इसबार एक अलौकिक और अद्भुत प्रयास से श्रीरामलला का मस्तक सूर्य तिलक से जगमग हो गया और देश-विदेश तक प्रभु श्रीराम के भक्तों ने इस अलौकिक नजारे को विभिन्न माध्यमों से देखा और भावविभोर हो गए। गौरतलब हैकि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) ने अयोध्या में सूर्य तिलक परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सूर्य तिलक परियोजना के अंतर्गत चैत्र मास में श्रीराम नवमी पर दोपहर 12 बजे के करीब श्रीराम लला के मस्तक पर सूर्य की रोशनी डाली गई। आईआईए टीम ने सूर्य की स्थिति, प्रकाशीय प्रणाली के डिजाइन व अनुकूलन की गणना की और साइट पर एकीकरण और संरेखण का प्रदर्शन किया।
श्रीराम नवमी उत्सव की अंग्रेजी कैलेंडर तिथि चंद्र कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष बदलती है, इसलिए हर वर्ष श्रीराम नवमी के दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदल जाती है। विस्तृत गणना से पता चलता हैकि श्रीराम नवमी की अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख हर 19 वर्ष में दोहराई जाती है। इन दिनों आकाश में सूर्य की स्थिति की गणना केलिए खगोल विज्ञान में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। आईआईए टीम ने 19 वर्ष के एक चक्र केलिए श्रीराम नवमी के कैलेंडर दिनों की पहचान केलिए गणना की अगुवाई की, इसके बाद इसकी पुनरावृत्ति श्रीराम नवमी की कैलेंडर तिथियों पर आकाश में अवस्थिति का अनुमान लगाया। आईआईए टीम के लोगों ने श्रीराम मंदिर के शीर्ष से मूर्ति के ललाट के ऊपरी हिस्से तक सूरज की किरण के पहुंचने, लगभग 6 मिनट तक मूर्ति पर पर्याप्त रोशनी केलिए इस पूरी प्रणाली में दर्पण और लेंस के आकार एवं संरचना, मूर्ति, लेंस और दर्पण धारक असेंबली का ऑप्टो मैकेनिकल डिजाइन के साथ-साथ आकाश में सूर्य की अवस्थिति के अनुसार पहले दर्पण की स्थिति को बदलने केलिए मैनुअल तंत्रएक ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम का अनुमान के बारेमें भी डिजाइन तैयार करने के कार्य का नेतृत्व किया। कार्यप्रणाली में विभिन्न मात्राओं तक पहुंचने केलिए महत्वपूर्ण डिजाइन संबंधी अनुकूलन केसाथ-साथ सिमुलेशन भी किए गए।
श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य फिलहाल पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ है, आईआईए विशेषज्ञों ने मौजूदा संरचना के अनुरूप डिजाइन को संशोधित किया और छवि अनुकूलन किया। सूर्य तिलक केलिए 4 दर्पणों और 2 लेंसों वाला यह डिज़ाइन 17 अप्रैल 2024 को निष्पादित किया गया था। आईआईए के तकनीकी विशेषज्ञों ने साइट पर सिस्टम के परीक्षण, संयोजन, एकीकरण और सत्यापन में भाग लिया था। प्रथम सूर्य तिलक से पहले श्रीराम मंदिर में ट्रायल रन के दौरान आईआईए के तकनीकी विशेषज्ञों ने दर्पण और लेंस का महत्वपूर्ण संरेखण किया था। अयोध्‍या में सूर्य तिलक परियोजना में ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम को सीबीआरआई ने अंजाम दिया है, यंत्र का निर्माण ऑप्टिका बैंगलोर ने किया है। इन 4 दर्पणों और 4 लैंसों केसाथ सूर्य तिलक के अंतिम डिज़ाइन का उपयोग मंदिर के पूर्ण निर्माण केबाद दर्पणों और लैंसों को उनके स्थायी स्‍थान में रखकर किया जाएगा। तंत्र को पंचाग के हिसाब से श्रीराम नवमी की तिथि 1-2 दिन बदलने पर भी काम करने केलिए डिज़ाइन किया गया था। यह भी बात ध्यान देने योग्य हैकि एक परिवर्तन से मूर्ति पर लगे स्थान की अवधि बदल जाएगी, बादल या बारिश के कारण धूप नहीं होने पर तंत्र काम नहीं करेगा और प्रत्येक वर्ष श्रीराम नवमी से पहले दर्पण को मैन्‍युअल रूपसे वार्षिक शिफ्ट किया जाएगा। होल्‍डरों पर लगे लैंस और दर्पण पहुंच योग्य हैं और इन्हें समय-समय पर साफ किया जा सकता है।

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