Saturday 25 May 2019 07:08:18 PM
दिनेश शर्मा
नई दिल्ली। नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने आज सर्वसम्मति से एनडीए का नेता चुने जाने पर संसद भवन के सेंट्रल हाल में देश को राष्ट्रवाद चुनने के लिए ऐतिहासिक रूपसे गर्व और उद्घोष करते हुए कहा कि वे सबका साथ सबका विकास और सबके विश्वास के साथ गरीबी से लड़ाई लड़ेंगे और देश के गरीब व्यक्ति का जीवनस्तर बेहतर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने भारत को विकसित देश बनाने के सपने की ओर बढ़ते हुए कहा कि आज हम नए संकल्प और एक नई ऊर्जा के साथ नई यात्रा आरंभ कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने उन्हें एनडीए का नेता चुनने के लिए सभी सहयोगी दलों और सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश की राजनीतिक में जो बदलाव आया है, उसमें पहलीबार चुनकर आए सांसदों मै विशेष अभिनंदन करता हूं। उन्होंने चुनाव आयोग और चुनाव प्रक्रिया में लगे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षाबलों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव एक उत्सव था और मतदान तो विजय उत्सव से भी बड़ा था, जिसमें देश-देशों और वहां रहनेवाले भारतवासियों ने सराहा, जिसपर हमें गर्व है।
नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कहा कि प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियां बढ़ा देता है और हम जिम्मेदारियों सहर्ष स्वीकार करने के लिए निकले हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमें भारत के लोकतंत्र को समझना होगा, भारत के मतदाता के विवेक को किसी मापदंड से मापा नहीं जा सकता, भारत का लोकतंत्र दिनोंदिन मजबूत होता जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनता ने हमें सेवाभाव के कारण ही स्वीकार किया है, सेवाभाव के लिए हमें अपने को तैयार करना होगा, वीआईपी कल्चर से बाहर निकलना होगा। उन्होंने सेवाभाव के संदर्भ में रामकृष्ण परमहंस के आदर्शों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारा सेवाभाव देशके उज्जवल भविष्य के लिए है। उन्होंने सांसदों से कहा कि मैभी आपमें से एक हूं और हमें कंधेसे कंधा मिलाकर चलना है, यही एनडीए की ताकत है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई ग़लती हो जाए तो एक सर ऐसा चाहिए जो चोट आए तो वही झेल ले ताकि बाकी कंधे सलामत रहें, उसीके लिए आपने मुझे यहां चुना है और मैं भी आपके विश्वास पर जरूर खरा उतरुंगा।
नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कहा कि विनोबा भावेजी कहा करते थे, कि सहमति की राजनीति होनी चाहिए, यह चुनाव बांट देता है, दीवार बना देता है, दूरियां पैदा कर देता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लेकिन इस चुनाव ने धर्म जात पांत की दीवारों को तोड़ने का काम किया है और दिलों को जोड़ेने का काम किया है, बल्कि यह चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है, समता और ममताभाव का वातातवरण बना जिसने इस चुनाव को नई ऊंचाई दी है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने राष्ट्रवाद का एक नया युग आरंभ किया है, जिसके हम साक्षी हैं और जनसामान्य की अपेक्षा पूरी करने की कोशिश करते रहेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में वोट देने का मूड बना और इसबार देश प्रचंड लोकतंत्र का भागीदार बना है, जिसमें चौदह हमारे साथ था और उन्नीस भी हमारे साथ चला है इस प्रकार सवासौ करोड़ देशवासियों ने देश चलाया है। उन्होंने कहा कि राजी-नाराज़गी जनता का अधिकार है, यह जनादेश विश्वास की डोर बंधा है, जिससे यह लहर पैदा हुई कि मोदी सरकार को फिरसे लाना है। उन्होंने कहा कि परिश्रम और ईमानदारी से देश चलता है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के लिए कोई भी रेखा नहीं होती है जो हमारे साथ हैं वो भी और जो साथ नहीं थे वो भी हमारे हैं, हम उनके लिए भी हैं। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास के हमारे सिद्धांत और संकल्प को विश्व ने स्वीकार किया है और मानवीय संवेदनाओं के साथ हमारे लिए कोई पराया नहीं है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम देश के अल्पसंख्यक समुदाय का और ज्यादा विश्वास हांसिल करने का काम करेंगे।
नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारतीय संविधान को सिर नवाकर प्रणाम करते हुए ऐतिहासिक संबोधन दिया। उन्होंने सबको साथ लेकर चलने का जो भरोसा दिया है, उसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को जो भरोसा दिया तो उससे संसद भवन का सेंट्रल हॉल देरतक तालियों से गूंजता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसबार उन्हें माताओं-बहनों का बड़ा समर्थन मिला, उनका इशारा खासतौर से मुस्लिम महिलाओं की ओर भी था, जिन्होंने अधिकांश ने इस चुनाव में सारी बंदिशें तोड़कर नरेंद्र मोदी को वोट किया। अनेक जगहों पर देखा और पाया भी गया है कि इसबार मुस्लिम समाज भी भाजपा के साथ आया है। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अल्पसंख्यक समुदाय को भरोसे में लेने की कोशिश करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद का नाम लिए बिना उनपर पर तगड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में वोट के लिए अल्पसंख्यकों के साथ बड़ा छल और भेद हुआ है और उनमें भाजपा के खिलाफ डर पैदा किया गया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को किसी से भी डरने की कोई जरूरत नहीं है।
नरेंद्र दामोदरदास मोदी इससे पूर्व सर्वसम्मति से भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के भी सर्वसम्मति से नेता चुने गए। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में 353 सदस्यों के एनडीए परिवार ने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गर्मजोशी से अपना नेता घोषित किया। शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने एनडीए के नेता पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव किया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने उसका समर्थन किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी एवं मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह सहित अन्य सभी नेताओं ने नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुने जाने के लिए बधाइयां दीं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सबके लिए अपने दल की प्रतिबद्धताएं प्रकट करते हुए समर्थन के लिए देश का विनम्रता से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि देश के सभी वर्गों के गरीब व्यक्ति का सुख-दुख भाजपा की शीर्ष प्राथमिकता पर है और देश विश्व की महाशक्ति बनकर उभरेगा। इसके बाद सरकार बनाने केलिए एनडीए और भाजपा संसदीय दल के नेता नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को समर्थनपत्र सौंपा गया।
भारतीय जनता पार्टी को 303 लोकसभा क्षेत्रों में प्रचंड जीत हासिल हुई है, जो पिछली 282 की जीत से 21 ज्यादा हैं। भाजपा को उत्तर प्रदेश में इसबार सपा बसपा रालोद महागठबंधन के विरुद्ध 62 लोकसभा सीटों पर सफलता मिली है और यह गठबंधन पंद्रह सीट ही जीत पाया। इससे यह सिद्ध हुआ कि महागठबंधन का भाजपा के विरुद्ध यह अंतिम प्रयोग भी विफल सिद्ध हुआ। भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार में अतिपिछड़े और पिछड़े वर्ग इन गठबंधनों के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए और सपा बसपा रालोद आदि को धूल चटा दी। इसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी की जीत में पश्चिम बंगाल ने शानदार भूमिका निभाई है, जहां उसने भाजपा को दो से बढ़ाकर अठ्ठारह सीटों तक पहुंचा दिया है, जिससे अब यह माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल भी अब भाजपा के शासन से दूर नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा था कि इस बार भाजपा तीन सौ के पार जोकि हिट गया और भाजपा को अपने दम पर तीन सौ के पार 303 लोकसभा क्षेत्रों में प्रचंड जीत हासिल हुई। दिल्ली में आज से जबरदस्त राजनीतिक रौनक है और जीते हुए सारे क्षत्रप अपने प्रमाण पत्रों के साथ यहां पहुंच चुके हैं। नरेंद्र मोदी के अब लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने की औपचारिकता शेष रह गई है, जो 30 मई को सायं सात बजे होगा।