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Saturday 8 June 2019 04:17:45 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत प्राप्तकर देश के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली यात्रा पर समुद्री पड़ोसियों मालदीव और श्रीलंका की यात्रा पर आज दिल्ली से रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर एक वक्तव्य में कहा है कि भारत में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद उनकी मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के निमंत्रण पर यह पहली विदेश यात्रा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसम्बर में हमें मालदीव के राष्ट्रपति के भारत आगमन पर उनका स्वागत करके बहुत खुशी हुई थी और नवम्बर 2018 में उनके शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने का उन्हें अवसर भी मिला था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी यह मालदीव की यात्रा दीर्घकालिक मित्र और सामुद्रिक क्षेत्र के पड़ोसी देश के रूपमें एक-दूसरे को महत्व देने की उनकी सोच को परिलक्षित करती है। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव को एक बेहद महत्वपूर्ण साझेदार मानता है, जिसके साथ उसके गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं तथा मालदीव के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ समय में और भी मजबूत हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी मालदीव यात्रा से दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंध और ज्यादा मजबूत एवं गहरे होंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी श्रीलंका की यात्रा का उद्देश्य वहां 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर पर्व पर हुए भयानक आतंकवादी हमले के मद्देनज़र श्रीलंका की सरकार और जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीलंका के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध ने पिछले कुछ वर्ष में और गति पकड़ी है। उन्होंने कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने भारत आए श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से उनकी मुलाकात हुई थी और श्रीलंका यात्रा के दौरान में उनसे फिर मिलने को उत्साहित हूं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी मालदीव और श्रीलंका की यात्रा भारत की ‘पड़ोसी पहले की नीति’ तथा क्षेत्र में सुरक्षा और सबके विकास की सोच के अनुरूप समुद्री क्षेत्र के सहयोगी देशों के साथ अपने संबंधों को और भी मजबूत एवं सौहार्दपूर्ण बनाएगी।