स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 8 October 2015 02:34:11 AM
जोधपुर। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने विश्व डाक दिवस की पूर्व संध्या पर कहा है कि डाक विभाग का इतिहास सभ्यता, संस्कृति और अर्थव्यवस्था से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सुख-दुख के हर पल में लोगों की थाह लेने वाले डाक विभाग ने सदियों की करवटें देखी हैं और इसके आगोश में न जाने इतिहास के कितने पहलू छुपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज भले ही इंटरनेट, मोबाइल और सोशल मीडिया का जमाना हो और इनकी आड़ में तमाम सेवाएं ख़त्म हो गई हों पर 161 साल बाद भी डाक सेवाएं नव-तकनीक के प्रवर्तन, सेवाओं में विविधता एवं व्यापक नेटवर्क के चलते लोगों के जीवन से जुड़ी हुई हैं।
निदेशक डाक सेवाएं ने बताया कि 9 अक्टूबर 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' के गठन हेतु बर्न स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था, इसी कारण 9 अक्टूबर को कालांतर में विश्व डाक दिवस के रूप में मनाना आरंभ किया गया। यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनने वाला भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जोकि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। उन्होंने कहा कि वर्ष 1969 में टोकियो जापान में हुई यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में सर्वप्रथम 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। डाक निदेशक ने कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर के डाक मंडलों में भी विश्व डाक दिवस पर 9 से 15 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। नौ अक्टूबर को विश्व डाक दिवस एवं राष्ट्रीय डाक सप्ताह के तहत 10 अक्टूबर को बचत बैंक दिवस, 12 अक्टूबर को मेल दिवस, 13 अक्टूबर को फिलेटली दिवस, 14 अक्टूबर को डाक जीवन बीमा दिवसऔर 15 अक्टूबर कोव्यवसाय विकास दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस दौरान सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जाएगा, उत्कृष्टता हेतु डाक कर्मियों का सम्मान, कस्टमर मीट, डाक सेवाओं की कार्य-प्रणाली को समझने हेतु स्कूली बच्चों द्वारा डाकघर का भ्रमण, पत्र लेखन प्रतियोगिता, बचत बैंक और डाक जीवन बीमा मेला सहित तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।