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बसपा आत्महत्याओं की उत्प्रेरक-भाजपा

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि बसपा सरकार में हो रही धन उगाही की गिरफ्त में आकर लोग अब आत्म हत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा है कि लखनऊ में लेखपाल बाबूराम मौर्या और बरेली के बहेड़ी कस्बे में श्यामलाल राठौर की आत्महत्या की घटनाएं राज्य के सरकारी तंत्र के लिये कलंक हैं। पाठक ने राजधानी में लेखपाल के आत्महत्या के मामले में एसडीएम और तहसीलदार के निलंबन को नाकाफी बताते हुये दोनों के विरूद्ध आत्महत्या के उत्प्रेरण का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है।

पार्टी मुख्यालय पर विजय बहादुर पाठक ने कहा कि 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' का नारा देने वाली बसपा सरकार का भ्रष्टाचारी तंत्र अब निरीह जनता और कर्मचारियों की मौत का कारण बन गया है। बसपा राज में बड़े पैमाने पर हो रही अवैध वसूली से परेशान कर्मचारी आत्महत्या जैसा दुखद कदम उठा रहे हैं। जमीनों के मामले में हेराफेरी करने से इंकार करने पर एसडीएम और तहसीलदार, लेखपाल का लगातार उत्पीड़न कर रहे थे इसी से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली। लेखपाल ने आत्महत्या के लिये एसडीएम और तहसीलदार को दोषी बताया है। दूसरी घटना बरेली के बहेड़ी कस्बे की है जहां 100 रूपये रिश्वत न दे पाने के कारण किसान श्यामलाल राठौर का काम नहीं हो सका। उसने अपने कार्य के लिये वरिष्ठ अधिकारियों के यहां भी दस्तक दी लेकिन वहां पर भी सुनवाई नहीं हुई। मजबूर हो कर उसने लेखपाल के सामने अपना सर पटककर जान दे दी।

पाठक ने कहा कि दोनों ही घटनाओं से साफ है कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार उद्योग बन गया है। सरकार में बैठे मंत्री और उच्चाधिकारी धन वसूली के लिये आतंक का माहौल बनाये हुये हैं। जनता का वाजिब काम भी बगैर धन लिये नही किया जा रहा है। 'लाभ लो-लाभ दो' इस सरकार की कार्यसंस्कृति बन गई है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हरमिंदर राज सिंह की आत्महत्या का राज भी अभी तक नहीं खुला है। कानपुर के अधिवक्ता विनय कुमार सिंह, सचिवालय कर्मी अनिल श्रीवास्तव सहित कई अन्य ऐसे संवेदनशील मामले रहे हैं जिनमें भ्रष्टाचार से परेशान होकर पीड़ितों ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। पाठक ने बसपा सरकार को आत्महत्याओं के उत्प्रेरण का अभियुक्त बताया और कहा कि इसीलिए आत्महत्या के इन सभी मामलों में सरकार ने कोई गम्भीर कार्रवाई नहीं की।

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