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लखनऊ। इस्पात राज्यमंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने इस्पात मंत्रालय और सेल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यहां एक बैठक की और जगदीशपुर सेल इकाई (जगदीशपुर में स्थित पूर्व मालविका स्टील) के जारी नवीनीकरण के कार्य की समीक्षा की और इकाई की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने जल्द पूरा होने जा रहे माल गोदाम और गल्वनाइज्ड शीट कारूगेशन यूनिट के लिए सेल टीम की सराहना की। बैठक के दौरान संयुक्त सचिव (इस्पात मंत्रालय) यूपी सिंह, सेल के अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा, राऊरकेला इस्पात संयंत्र के प्रबंध निदेशक एसएन सिंह और कोबे स्टील के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
सेल के अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने जेएसयू के लिए प्रस्तावित रणनीति को रेखांकित किया और कहा कि नवीनीकरण का कार्य अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप चल रहा है और यह इकाई जल्द ही सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर देगी। उल्लेखनीय है कि सेल ने जगदीशपुर में पूर्व मालविका स्टील की सम्पत्तियों का वर्ष 2009 में अधिग्रहण किया था, जो जून 2010 में सेल के नाम के साथ पंजीकृत हुआ। इस ढांचे के नवीनीकरण और इस क्षेत्र के लोगों की तैयार वैल्यू एडेड प्रोडक्ट की मांग को पूरा करने के लिए पहले फेज में मुख्य रूप से चार यूनिट प्रस्तावित किये गए थे। इनमें से दो इकाइयां, पहला 12000 टन प्रति वर्ष की क्षमता का एक माल गोदाम और दूसरा 13000 टन प्रति वर्ष की क्षमता का गल्वनाइज्ड शीट कारूगेशन यूनिट अंतिम चरण में हैं।
मौजूदा चरण के दो अन्य यूनिट, जिसमें पहला 150000 टन प्रति वर्ष का क्षमता का टीएमटी बार मिल और 10000 टन प्रति वर्ष की क्षमता का क्रैश बैरियर मैनुफैक्चरिंग यूनिट अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रगति पर हैं और नवंबर 2011 तक पूरे कर लिये जाएंगे। जीपी शीट्स, बिलेट्स और एचआर शीट्स के लिए इनपुट सेल के कार्य कर रहे सन्यत्रों से प्राप्त किए जाएंगे, तैयार उत्पाद की सड़क मार्ग के जरिये आपूर्ति की जाएगी। फेस-2 के लिए जापान के मेसर्स कोबे स्टील के साथ विचार विमर्श चल रहा है और इस बातचीत के लिए एक संयुक्त टास्क फोर्स टीम का गठन किया गया है, जो मार्च 2011 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
एक हज़ार मेगावाट गैस आधारित पॉवर संयंत्र और डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन मेकिंग (गैस आधारित) और इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस जैसी तकनीकों पर आधारित इस्पात उत्पादन और वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के निष्पादन की योजना पर विचार किया जा रहा है। सेल, जगदीशपुर में और उसके आसपास अनेक निगमित सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों को भी कार्यान्वित कर रहा है। परिसर के अंदर स्कूल में खेल के मैदान के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं का भी विकास किया जा रहा है। स्कूल में 210 विद्यार्थियों के नाम दर्ज कराये गए हैं और वे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पास के स्कूल और गांवों में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है और जरूरी दवाइयां बांटी जाती हैं। एक डॉक्टर और दो फार्मेसिस्ट के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है। इसके साथ ही एक एंबुलेंस भी संचालित की जा रही है। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सेल बाराबंकी या गोंडा में एक स्टील प्रोसेसिंग यूनिट की संभावना की भी जांच कर रहा है।