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गिरनार रोपवे परियोजना को सशर्त मंजूरी

शर्त में गिद्धों का पूरा ख्याल रखना जरूरी

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गिद्ध-vulture

नई दिल्ली। छह शर्तों पर गिरनार रोपवे परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। इसमें लंबी चोंच वाले गिद्ध (लाँग बिल्‍ड गिद्धों) के लिए कम से कम परेशानी यानि गिरनार गिद्धों के लिए रहने के स्‍थान, भोजन की व्‍यवस्‍था, रोपवे के पास दो टावरों की उंचाई में वृद्धि और संरक्षण संबंधी गतिविधियों के लिए टिकट से प्राप्‍त राजस्‍व पर उपकर शामिल है।

शर्तों के अनुसार गुजरात सरकार रोपवे परियोजना के लिए एक सदृश विकल्‍प के लिए एक अध्‍ययन कराएगी। बेहतर होगा कि यह दत्‍तर/भेसान की ओर यह ध्‍यान में रखकर अध्ययन हो कि गिद्धों और अन्‍य वन्‍य जीव प्राणियों के रहने का स्‍थल सुरक्षित रहे और उन्‍हें कम से कम व्‍यवधान हो। यह रिपोर्ट दो महीने के भीतर दाखिल करनी होगी। इस इलाके के नीड़ स्‍थलों को कम से कम असुविधा हो इसके लिए रोपवे की नवें और दसवें टावर की लंबाई बढ़ाई जाएगी। गिद्धों की गतिविधियों की निगरानी के लिए नवें तल पर उच्‍च क्षमता वाला कैमरा लगाया जाएगा। रोपवे के कैबिनों की गतिविधि इस प्रकार निर्धारित की जाएगी कि जिससे गिद्धों के टकराने की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। एक उपयुक्‍त स्‍थल पर गिद्धों के लिए भोजन स्‍थल बनाया जाएगा। इस स्‍थल का चयन विशेषज्ञों की सलाह पर किया जाएगा। गिद्धों की गतिविधियों को रोपवे से अलग रखने के अतिरिक्‍त यहां उन्‍हें पर्याप्‍त भोज्‍य पदार्थ मिलेगा। प्रत्‍येक टिकट पर पांच रूपये या कुल बिक्री से प्राप्‍त, कर दो का प्रतिशत, जो भी अधिक हो, का उपकर लगाया जाएगा। यह राशि गिरनार वन्‍य प्राणी अभ्यारण्‍य और इर्द-गिर्द के स्‍थलों के संरक्षण से संबंधित क्रियाकलापों के लिए गिरनार लायन कन्‍जरवेशन सोसायटी को दी जाएगी। गुजरात वन विभाग के अधिकारियों का समूह, संबंधित स्‍थानीय स्‍वयंसेवी संगठन, बीएनएचएस, डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूएफ और विशेषज्ञों का एक तकनीकी निगरानी दल गठित किया जाएगा, जो सुरक्षा नियमों और रोपवे परियोजना के लिए रास्‍ता साफ करने संबंधी शर्तों को लागू करने की निगरानी करेगा।

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