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प्रेस के लिए लोकसभा में नया कानून जल्दी

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रेस और पुस्‍तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्‍य काफी पुरानी प्रक्रियाओं को सुसंगत बनाने के साथ ही प्रिंट मीडिया नीति और मार्गनिर्देशों या नियमों से नियंत्रित खास मुद्दों का समाधान निकालना है। प्रस्‍तावित विधेयक की मुख्‍य व्यवस्थाओं के अनुसार नया शीर्षक होगा– 'प्रेस और पुस्‍तकों का पंजीकरण और प्रकाशन (पीआरबीपी) अधिनियम 2010' इसमें प्रकाशन, समाचार पत्र, पत्रिका, पुस्‍तक, न्‍यूजलेटर आदि जैसी नई परिभाषाएं शामिल होंगी, अधिनियम के अधीन समाचार पत्रों के इंटरनेट संस्‍करण को शामिल किया जाएगा, आतंकवादी कानूनों या देश की सुरक्षा के विरूद्ध अन्‍य प्रकार से दोषी पाए गए लोगों को किसी प्रकार के प्रकाशन से रोका जाएगा। शीर्षक के सत्‍यापन के लिए विस्‍तृत विवरण, गैर-संजीदा प्रकाशकों को निरूत्‍साहित करने के लिए शीर्षकों को ब्‍लॉक करने के प्रति रोकथाम के लिए प्रावधान, प्रसार संख्‍या के सत्‍यापन के लिए वैधानिक प्रावधान बनाना, विदेशी समाचार सामग्री और विदेशी निवेश की सीमाओं के संदर्भ में प्रावधान, प्रकाशकों की और से वार्षिक विवरण दाखिल करना अनिवार्य किया जाएगा।

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