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नई दिल्ली। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 को संशोधन करके जनप्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम 2010 (2010 के 36) को 22 सितंबर 2010 को कानून बनाया गया और भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। इस संशोधित अधिनियम में भारत के नागरिक, जो अपनी जगह या घर से अपनी आजीविका, पढ़ाई के लिए या किसी प्रकार से भारत से बाहर ( चाहे स्थायी रूप से या नहीं) हैं, उन भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार दिया गया है। इस अधिनियम के तहत अपने पासपोर्ट में उल्लेखित जगह के अनुसार उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र की मतदान श्रेणी में नाम पंजीकृत कराने का अधिकार प्राप्त हो गया। केंद्रीय मंत्रालय ने चुनाव आयोग के साथ परामर्श करने के बाद 3 फरवरी 2011 को निर्वाचक पंजीकरण (संशोधन) नियमावली 2011 को बनाया और उसे प्रकाशित किया है। केंद्रीय सरकार ने अधिनियम को प्रभाव में लाने के लिए एक जरूरी अधिसूचना जारी कर दी है। विदेश में रहने वाले भारतीय अब अपने दस्तावेज स्वयं सत्यापित करके प्रस्तुत कर सकते हैं।