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नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। सन् 1981 से मनाए जा रहे इस दिन का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के प्रति बेहतर समझ कायम करना और उनके अधिकारों पर ध्यान देने के साथ-साथ उन्हें राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में मिलने वाले लाभ दिलाना है। विकलांगों से सम्बन्धित विश्व कार्यकलाप कार्यक्रम ने विकलांगों की समाज में संपूर्ण और कारगर भागीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1982 में स्वीकार कर लिया।संयुक्त राष्ट्र ने विकलांगों के लिए पूर्ण और कारगर भागीदारी की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिसे 2006 में मंजूर कर विकलांगता के शिकार लोगों के नवगठित अधिकार समझौते में और मजबूती प्रदान की गई। भारत ने 30 मार्च 2007 को संयुक्त राष्ट्र के इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत सरकार विकलांग लोगों की पूर्ण भागीदारी, उनके अधिकारों की रक्षा और उन्हें समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है और स्वास्थ्य और पुनर्वास सेवा तक पहुंच हमेशा से चुनौती का विषय रहा है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उन लोगों तक पहुंचने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिन तक पहुंचा नहीं जा सका।सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय हर साल 3 दिसम्बर को विकलांगों के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है। इन पुरस्कारों की शुरूआत वर्ष 1969 में विकलांगों को नौकरी देने वाले सर्वश्रेष्ठ मालिकों और सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी को पुरस्कृत करने के लिए की गई थी। बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार योजना की समीक्षा की गई और समय समय पर इसमें बदलाव करते हुए पुरस्कारों की विभिन्न नई श्रेणियां शुरू की गईं। राष्ट्रीय पुरस्कारों की वर्तमान योजना के अनुसार विकलांगों के सशक्तिकरण के लिए 13 श्रेणियों में 63 पुरस्कार दिए जाएंगे।सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी/ स्व रोजगार विकलांग, सर्वश्रेष्ठ मालिक और नौकरी देने वाले अधिकारी/विकलांगों को नौकरी देने वाली एजेंसी, विकलांगों के लिए काम करने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति और संस्थान, अनुकरणीय व्यक्ति, विकलांगों का जीवन बेहतर बनाने के उद्देश्य से सर्वश्रेष्ठ व्यवहारिक अनुसंधान/नवपरिवर्तन/उत्पादों का विकास, विकलांगों के लिए अवरोध मुक्त वातावरण तैयार करने की दिशा में श्रेष्ठ कार्य, पुनर्वास सेवाएं देने वाला श्रेष्ठ जिला, राष्ट्रीय विश्वास की स्थानीय स्तर की समिति, राष्ट्रीय विकलांगता, वित्त और विकास निगम को दिशा देने वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ सृजनशील वयस्क विकलांग व्यक्ति, सर्वश्रेष्ठ सृजनशील विकलांग बच्चा, सर्वश्रेष्ठ ब्रेल प्रेस और सर्वश्रेष्ठ सुगम्य वेबसाइट। देश भर के विभिन्न प्राधिकारों को पत्र लिखकर नामांकन मांगे गए। इसके अलावा मंत्रालय की वेबसाइट में विज्ञापन देने के अलावा देशभर के विभिन्न लोकप्रिय क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्रों में भी विज्ञापन दिये गए। जो सिफारिशें प्राप्त हुईं उनमें से स्क्रीनिंग समिति ने संक्षिप्त सूची तैयार की और राष्ट्रीय चयन समिति ने पुरस्कारों को अंतिम रूप दिया।