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फिल्म निर्माता पटकथा पर ध्यान दें-मीरा नायर

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मीरा नायर एवं अन्य-mira nair and others

नई दिल्ली। मीरा नायर ने भारतीय फि‍ल्‍मों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर और अधि‍क पहचान दि‍लाने के लि‍ए पटकथा को और सुगढ़ बनाये जाने की आवश्‍यकता पर जोर दि‍या है। इफ्फी में मीरा नायर की 16 फि‍ल्‍मों का पुनरावलोकन किया जा रहा है। भारतीय-अमरीकी फि‍ल्‍म नि‍र्माता मीरा नायर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि‍ भारतीय फि‍ल्‍मों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर उनकी वास्‍तवि‍क पहचान दि‍लाने के लि‍ए यह आवश्‍यक है कि फि‍ल्‍मों की पटकथा कसी हुई और सुगढ़ हो। उन्‍होंने कहा कि‍ भारत में फि‍ल्‍म से जुड़ी सभी वि‍धाओं में व्‍यापक योग्‍यता मौजूद है लेकि‍न पटकथाओं को और बेहतर और वि‍षय आधारि‍त बनाये जाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि ‍पटकथा ही फि‍ल्‍म की असली बुनि‍याद होती है और बि‍ना उसे कसे हुए वांछि‍त कामयाबी हासि‍ल नहीं की जा सकती।
इफ्फी के दौरान मीरा नायर की सभी फि‍ल्‍मों का पुनरावलोकन प्रस्‍तुत कि‍या जा रहा है। इसमें भाग लेने मीरा नायर स्‍वयं गोवा आई हैं। उनके साथ उनकी पहली फि‍ल्‍म सलाम बॉम्‍बे के कलाकार भी उपस्‍थि‍त थे। इनमें जानी-मानी लेखि‍का सूनी तारापुरवाला, वि‍ख्‍यात अभि‍नेता नाना पाटेकर और सफ़ीक सैयद और दि‍नाज़ स्‍टेफर्ड भी उपस्‍थि‍त थे। अपनी भावी परि‍योजनाओं के बारे में मीरा नायर ने बताया कि ‍वे पाकि‍स्‍तानी लेखक मोहसि‍न हामि‍द की कहानी पर आधारि‍त फि‍ल्‍म बनाने जा रही हैं, जि‍सका नाम होगा रि‍लक्‍टेंट फंडामेटलि‍स्‍ट। इसमें वे इस्‍लाम के बारे में पश्‍चि‍मी देशों में व्‍याप्‍त गलतफहमी को दूर करने के लि‍ए अपना दृष्‍टि‍कोण पेश करना चाहेंगी। उन्‍होंने बताया कि ‍इस फि‍ल्‍म में वे पाकि‍स्‍तान के भी कई कलाकारों को शामि‍ल करेंगी। मौके पर मौजूद नाना पाटेकर ने अच्‍छी फि‍ल्‍मों की खूबि‍या गि‍नवाई और कहा कि ‍फि‍ल्‍म ऐसी होनी चाहि‍ए जि‍से आम आदमी सराहे, भले ही उसे कोई पुरस्‍कार न मि‍ले। उनका मानना है कि‍ अगर फि‍ल्‍म अच्‍छी होगी तो उसे पुरस्‍कार मि‍लेगा ही।

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