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लखनऊ। छत्तीसगढ़ के संसदीय कार्य मंत्री महेश गागड़ा ने प्रेस क्लब में 'महिला सशक्तिकरण एवं ग्रामीण विकास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका' पर आयोजित एक सेमिनार में कहा कि आज के परिवेश में पढ़े लिखे समाज में ही अधिक संक्रमण है, वास्तव में हमें भारतीय पद्धति पर आधारित शिक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का दंतेवा़डा जिला भारत के सबसे पिछड़े जिले में शुमार है, लेकिन यहां न तो दहेज जैसी कुरीति है और न ही शहरों जैसा नंगापऩ, यहां सब कुछ यथार्थ है, जो है वह सच्चा और सार्थक है। यह सेमिनार 'सवेरा' संस्थान ने आयोजित किया था।
सेमिनार में समाजसेविका और एंटी डावरी डिमांड आर्गनाइजेशन एडं फैमिली काउंसलिंग सेंटर की सचिव डा शालिनी माथुर ने कहा कि शिक्षा के अभाव में सभी कुरीतियां फल फूल रहीं हैं, अशिक्षा के चलते ही लोग दहेज जैसी भयावह कुरीति से ग्रसित हैं, हमने जो सोचा उसके विरूद्ध ही सब कुछ हुआ है, आज जो जितना अधिक पढ़ लिख ले रहा है, वह उतनी ही अधिक दहेज की डिमांड कर रहा है, यह हमारी शिक्षा पद्धति का दोष है।
जनहित सेवा संस्थान के महासचिव और सेमिनार के विशिष्ट अतिथि अमोद कांत ने कहा कि महिलाओं के विकास के लिए उन्हें सभी सामाजिक कार्यों में सहभागी बनाना होगा, उन्हें पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने अधिकार है, भारतीय संस्कृति में महिला को माता का दर्जा प्राप्त है, इसलिए हमें महिलाओं को यह बताना होगा कि उनमें वैदिक काल के समान ही देवत्व है। अध्यक्षीय संबोधन में संयुक्त निदेशक डीआरडीओ दिल्ली डॉ संजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि गैर सरकारी संगठनों की भूमिका सिर्फ महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास तक सीमित नहीं है बल्कि समाज के हर क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए, मसलन स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण आदि में।
सेमिनार में संस्था की ओर से प्रोफ़ेसर आरके त्रिपाठी, निदेशक जीआईटीएम और पूर्व विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय और राजकुमार सचिव सुमंगलम परिवार को पंडित श्रीकांत मिश्र मेमोरियल नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। पंडित मिश्र संस्थान के प्रेरणा श्रोत रहे हैं, यह नेशनल अवार्ड, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली विभूतियों को दिया जाता है। इसके साथ ही नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज फैजाबाद की छात्राओं को प्रमाण पत्र और मेडल से सम्मानित किया गया। ये सभी छात्राएं सवेरा संस्थान से प्रशिक्षित हैं। सेमिनार में पुनीत कुमार द्विवेदी ने पंडित श्रीकांत मिश्र के जीवन वृत पर प्रकाश डाला। सेमिनार का संचालन सुधीर कुमार पांडेय ने किया। सेमिनार में प्रवीण कुमार, डॉ अमित द्विवेदी, पुनीत, अमोद कांत, आलोक नाथ, डॉ वी मिश्र, रंजन मिश्र, डा ओंकारनाथ त्रिपाठी, डॉ मीता विसेन, रमाकांत जायसवाल, डा नीरज सिंह, समेत काफी लोग मौजूद थे।