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नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में मतदान अनिवार्य करने की मांग को खारिज करते हुए इसी वर्ष से प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा को मंजूरी दे दी। मतदाताओं को अपने लोगो और नारे मतदाता होने पर गर्व है – मतदान के लिए तैयार हैं का बैज प्रदान किया जाएगा।
संविधान (61वां संशोधन) अधिनियम, 1988 के अधीन संविधान की धारा 326 में संशोधन करके मतदान की उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया था ताकि देश के युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया का एक हिस्सा बनने का अवसर प्रदान किया जा सके। ऐसा पाया गया है कि वर्ष दर वर्ष बड़े पैमाने पर नये मतदाता (18 वर्ष और अधिक) मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाते हैं। कुछ मामलों में मतदाता सूची में उनके शामिल होने का स्तर 20 से 25 प्रतिशत तक नीचे है। इस समस्या से प्रभावकारी ढंग से निपटने के क्रम में चुनाव आयोग ने प्रत्येक वर्ष पहली जनवरी को देश के प्रत्येक 8.5 लाख मतदान केन्द्रों से जुड़े क्षेत्रों में 18 वर्ष तक की उम्र के सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करने के लिए जोरदार प्रयास करने का निर्णय लिया है। ऐसे पात्र मतदाताओं का समय पर पंजीकरण किया जाएगा और प्रत्येक मतदान केन्द्र के क्षेत्र में एक सादे समारोह में उन्हें मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को सौंपा जाएगा।