स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 3 September 2024 06:32:24 PM
पुणे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज पुणे में सिम्बायोसिस डीम्ड यूनिवर्सिटी के 21वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को पदक और डिग्रियां प्रदान कीं। राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहाकि आज वे इतने सक्षम हो गए हैंकि वे अपने व्यक्तित्व और ज्ञान से देश-विदेश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहाकि वे नवाचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के जरिए प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा, कानून, सामाजिक विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने छात्रों से देशके विभिन्न समुदायों एवं क्षेत्रों की संस्कृति और उनकी वर्तमान जरूरतों को समझने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि उन्हें ऐसे सॉफ्टवेयर, स्वास्थ्य सेवा उत्पाद और विपणन रणनीति बनानी चाहिए, जो खासकर वंचित वर्गों केसाथ-साथ सभीके विकास में मदद करें और सतत विकास कोभी बढ़ावा दें। उन्होंने कहाकि स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल भी उन्हें अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सिम्बायोसिस डीम्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले लगभग 33000 विद्यार्थियों में लड़के और लड़कियों की संख्या लगभग बराबर है। उन्होंने कहाकि नारी शक्ति की प्रगति न केवल नागरिकों केलिए गर्व की बात है, बल्कि यह देशके विकास का एक महत्वपूर्ण मानक भी है। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि सिम्बायोसिस डीम्ड यूनिवर्सिटी लैंगिक समानता को प्राथमिकता देते हुए लड़कियों की शिक्षा केलिए उचित माहौल और सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों से छात्राओं को उच्चशिक्षा केलिए प्रोत्साहित करने तथा उनके लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने को कहा। राष्ट्रपति ने इस मौके पर 'सिम्बायोसिस आरोग्य धाम' की स्थापना की प्रशंसा की, जो चिकित्सा सेवाओं में सुधार की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्हें खुशी हुईकि सिम्बायोसिस डीम्ड यूनिवर्सिटी परिसर के आसपास के गांवों में मोबाइल फैमिली हेल्थ क्लीनिक चला रही है। उन्होंने कहाकि युवा पीढ़ी को नवीनतम तकनीक के ज्ञान केसाथ-साथ मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना सभी शैक्षणिक संस्थानों का उद्देश्य होना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों से भी शिक्षा प्रणाली में शोध कार्य को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि वर्षों के शोध से नए आविष्कार होते हैं और चुनौतियों के नए समाधान मिलते हैं। उन्होंने कहाकि भारत के शोधार्थी देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं। उन्होंने कहाकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। उन्होंने प्रसन्नता जताईकि सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय में जल संसाधन प्रबंधन, स्टेम सेल, नैनोसाइंस और जलवायु परिवर्तन जैसे कई विषयों पर बहुविषयक शोध केंद्र काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने छात्रों को हर कार्य में उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों से कहाकि एक कहावत जरूर सुनी होगी-उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास करो, सफलता अपने आप आपके पीछे आ जाएगी, लेकिन कईबार ऐसा होता हैकि कुछ लोग अधिक पैसा, बड़ा घर, बड़ी कार और अन्य चीजों की उपलब्धता को ही सफलता की निशानी मान लेते हैं। उन्होंने छात्रों पर भरोसा जतायाकि वे सफलता का सही अर्थ समझेंगे और ऐसे कार्य करेंगे, जिनसे दूसरों के जीवनस्तर में भी कारगर एवं सकारात्मक सुधार होंगे।