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मोदी सरकार के किसानों को दो बड़े तोहफे!

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं कृषोन्नति योजना मंजूर

किसान योजनाओं में राज्यों को मिलेंगे 1,01,321.61 करोड़ रुपये

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 4 October 2024 11:53:19 AM

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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्रालय की केंद्र प्रायोजित दो समग्र योजनाओं-प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जोकि एक कैफेटेरिया योजना है और दूसरी कृषोन्नति योजना के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगी, जबकि कृषोन्नति योजना खाद्य सुरक्षा एवं कृषि के क्षेत्रमें आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पूरा करेगी। विभिन्न घटकों के कुशल एवं प्रभावी कार्यांवयन को सुनिश्चित करने हेतु सभी घटक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना को कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये के प्रस्तावित व्यय केसाथ लागू किया जाएगा। गौरतलब हैकि ये योजनाएं राज्य सरकारों के माध्यम से कार्यांवित की जाती हैं।
कृषि एवं किसान मंत्रालय की यह कवायद सभी मौजूदा योजनाओं का जारी रखा जाना सुनिश्चित करती है और जहां कहींभी किसानों के कल्याण केलिए किसीभी क्षेत्रको बढ़ावा देना आवश्यक समझा गया, वहां इस योजना को मिशन मोड में लिया गया है। उदाहरण केलिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तेल पाम, स्वच्छ संयंत्र कार्यक्रम, डिजिटल कृषि एवं राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन केबीज। मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्टर्न रीजन योजना, जोकि केवाई के तहत एक घटक है को एक अतिरिक्त घटक अर्थात एमओवीसीडीएनईआर-विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जोड़कर संशोधित किया जा रहा है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने हेतु सुदृढ़ता प्रदान करेगा। इन कृषि योजनाओं के युक्तिकरण से राज्यों को समग्र तरीके से उनके कृषि क्षेत्रसे संबंधित एक व्यापक रणनीतिक दस्तावेज तैयार करने का अवसर मिलता है।
इन योजनाओं की परिकल्पना रणनीतिक ढांचे से जुड़े उद्देश्यों से संबंधित समग्र रणनीति तथा योजनाओं/ कार्यक्रमों को स्पष्ट करने हेतु की गई है। यह रणनीतिक दस्तावेज न केवल फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि जलवायु के अनुकूल सुदृढ़ कृषि एवं कृषिगत जिन्सों केलिए मूल्य श्रृंखला से संबंधित दृष्टिकोण के विकास से जुड़ी उभरती समस्याओं से भी निपटता है। कृषि एवं किसान मंत्रालय के अधीन विभिन्न योजनाओं के युक्तिकरण का कार्य किया गया है, जिनमें दोहराव से बचने, सामंजस्य सुनिश्चित करने और राज्यों को सुदृढ़ता प्रदान करने के हेतु। कृषि की उभरती चुनौतियों-पोषण सुरक्षा, स्थिरता, जलवायु के अनुकूल सुदृढ़ता, मूल्य श्रृंखला का विकास और निजी क्षेत्र की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने हेतु, राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र केलिए अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप एक व्यापक रणनीतिक योजना बनाने में सक्षम होंगी। राज्यों की वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को अलग-अलग योजनावार एएपी को मंजूरी देने के बजाय एक बार में ही अनुमोदित किया जा सकेगा।
एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हैकि पीएम-आरकेवीवाई में राज्य सरकारों को अपने राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर एक घटक से दूसरे घटक में धन को फिर से आवंटित करने की छूट दी जाएगी। कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये के प्रस्तावित व्यय में से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) के केंद्रीय हिस्से का अनुमानित व्यय 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। इसमें आरकेवीवाई केलिए 57,074.72 करोड़ रुपये और केवाई केलिए 44,246.89 करोड़ रुपये शामिल हैं। पीएम-आरकेवीवाई में जो योजनाएं शामिल हैं उनमें मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, वर्षा आधारित क्षेत्र विकास, कृषि वानिकी, परम्परागत कृषि विकास योजना, फसल अवशेष प्रबंधन सहित कृषि यंत्रीकरण, प्रति बूंद अधिक फसल, फसल विविधीकरण कार्यक्रम, आरकेवीवाई डीपीआर घटक और कृषि स्टार्टअप के लिए त्वरक निधि है।

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