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Thursday 13 February 2014 01:56:14 PM
नई दिल्ली। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश के शहरी इलाकों में किराये पर रहने वाले लोगों की संख्या 21.72 मिलियन है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री डॉ गिरिजा व्यास ने कहा कि किराये के मकानों पर बने कार्य दल की सिफारिशों पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
गिरिजा व्यास के अनुसार भूमि और कॉलोनियों का निर्माण करना राज्य सरकार का विषय है, इसलिए यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे किराया कानून के तहत किराएदारों और मकान मालिकों से संबंधित मामलों में आवश्यक कदम उठाए। हालांकि 2007 की राष्ट्रीय शहरी आवास और आवास नीति के अनुसार किसी मकान का किराया मकान मालिक और किराएदार के बीच एक निश्चित अवधि के लिए हुए लीज करार के आधार पर परस्पर सहमति से तय होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस नीति के अनुसार लीज करार की अवधि समाप्त होने से पहले किराएदार को उस मकान से निकाला नहीं जा सकता और लीज की अवधि समाप्त होने के बाद किराएदार को उस मकान में रहने की अनुमति नहीं होगी।