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Saturday 21 July 2018 04:09:15 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी आयुष अस्पतालों में आयुष विभाग औषधीय पौधे लगाएगा और मरीजों को इलाज के साथ-साथ औषधीय पौधों की गुणवत्ता भी बताई जाएगी। आयुष विभाग के सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि सभी आयुष अस्पतालों में तुलसी, लैमन ग्रास, कढ़ी पत्ता यानी मीठी नीम, सहिजन, एलोवेरा, मुलेठी, हरसिंगार, मृगराज, लिसोड़ा, नीम, ऑवला जैसे अनेक पौधे लगाए जाएंगे, हर पौधे के साथ उसके गुण एवं उपयोग की पट्टिका लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ओपीडी में डॉक्टर इन औषधीय पौधों के गुणों और पहचान के बारे में रोगियों को जानकारी देंगे, जिससे उनमें औषधि पौधों के प्रति जागरुकता बढ़े और वे इसका इस्तेमाल अपने घरों में कर सकें।
आयुष विभाग के सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि लोग घरों के आस-पास पाए जाने वाले औषधि पौधों को भूलते जा रहे हैं, जबकि इन पौधों में कई ऐसे गुण होते हैं, जिनसे कई जटिल बीमारियों का नियंत्रण एवं बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन औषधि पौधों से पेट सम्बंधी रोग, चर्म रोग, डायबिटीज़, मोटापा, बाल झड़ना, आंखों की रोशनी बढ़ाने समेत अनेक रोगों का इलाज सम्भव है, इसलिए औषधि पौधों के महत्व को समझाने के लिए अस्पतालों में ऐसे पौधों को लगाने की पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि हर पौधे के पत्ते, जड़, फूल और छाल में अलग-अलग गुण होते हैं, इसको किस मर्ज में और कैसे उपयोग करना चाहिए, यह आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सालयों में तैनात वैद्य एवं हकीम मरीजों को ओपीडी में समझाएंगे।
मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि अगर किसी रोगी को इन औषधियों के उपयोग के बाद कोई दिक्कत महसूस होती है तो वह अपने चिकित्सक से परामर्श ले सकता है, वैसे भी कोई भी औषधि बिना चिकित्सीय परामर्श के नहीं लेनी चाहिए। मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि प्राचीन विधा को बढ़ाने के लिए स्कूलों में बच्चों को जागरुक किया जाएगा, इसके लिए स्कूलों में औषधि वाटिकाएं बनाई जाएंगी, जिसमें पौधों के साथ-साथ उसके गुण एवं उपयोग लिखे होंगे, वहीं हफ्ते में दो दिन आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सक भी स्कूलों में जाकर बच्चों को इन पौधों के गुणों की जानकारी देंगे।