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Monday 23 December 2013 07:23:39 AM
जयपुर। जयपुर की इसाई संस्था ग्रेस होम से मणिपुर की पंद्रह नाबालिग लड़कियों को देह व्यापार से मुक्त कराया गया है। ये आर्थिक तंगी के कारण अपना यौन शोषण कराने के लिए मजबूर हुईं थीं। इन लड़कियों की उम्र सिर्फ 7 से 15 वर्ष के बीच है। जानकारी के अनुसार जब लड़कियों का मेडिकल परीक्षण करवाया गया तो पता चला कि 15 में से 13 लड़कियों का कौमार्य भंग किया जा चुका है और 13 में से 9 लड़कियां तो ऐसी हैं जिनको ल्यूकोरिया नामक रोग है, जिसका एक कारण सेक्स की अधिकता है, जो ज्यादातर सेक्स वर्करों में होता है।
इनकी देखभाल कर रही एक डॉक्टर ने बताया कि इन लड़कियों को अंधेरे कमरे में रखा गया था, जिससे इनके शरीर में विटामिन डी की भी कमी हो गई है। जब इन्हे अंधेरे कमरों से बाहर निकाला गया तो इनके हाथ पैर कांप रहे थे। डॉक्टर ने बताया कि अभी इनको विटामिन डी की गोलियां दी जा रही हैं। पुलिस ने इस संबंध में एक व्यक्ति पॉस्टर जैकब जॉन को गिरफ्तार किया है जो एक पादरी और इस संस्था का मालिक भी बताया जाता है। जयपुर के लोगों का कहना है कि इस खबर केवल एक अंग्रेजी समाचार पत्र ने छापा है, जबकि इसे किसी टीवी मीडिया चैनल ने नहीं दिखाया।
जयपुर के लोग नहीं समझ पा रहे हैं कि आम लोगों के घरेलू मामलों में भी उनके घरों में अक्सर कैमरे लेकर घुंसकर उनके घरों की इज्जत की चैनलों पर धज्जियां उड़ाने वाले चैनलों ने निर्लज्जता से अंजाम देने वाले इस सामाजिक अपराध को नहीं दिखाया। कुछ का कहना है कि मामला एक अल्पसंख्यक और लंबी पहुंच रखने वाली ईसाई संस्था का था, जिसके बारे में मुंह खोलने की किसी चैनल के स्थानीय रिपोर्टर की हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी भी करनी है। कुछ लोगों का यह कहना है कि यदि मामला किसी हिंदू संत से जुड़ा होता तो हर रोज़ चैनलों पर डिबेट होती और हिंदुत्व को बदनाम किया जाता।