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Monday 23 December 2013 11:21:58 AM
काठमांडू। भारत ने नेपाल को उसके नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को विकसित करने में हर संभव मदद करने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने नेपाल के राष्ट्रपति डॉ रामबरन यादव को दिया। डॉ अब्दुल्ला एक दिन की काठमांडू यात्रा पर थे। बैठक के दौरान डा अब्दुल्ला ने भारत सरकार की तरफ से नेपाल में दूसरी संविधान सभा के चुनाव की सफलता पर बधाई दी।
डॉ अब्दुल्ला ने अंतरिम चयनित सरकार में मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष खिलराज रेग्मी से भी मुलाकात की और रेग्मी को भारत में ऊर्जा की स्थिति और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से हो रही वृद्धि की जानकारी दी। उन्होंने भारत के अगले पांच वर्ष में महत्वपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा को इसके ऊर्जा मिक्स में मिलाने की योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत की उपकारी और निवेश अनुकूल नीतियों के बारे में भी बताया। डॉ अब्दुल्ला ने सुझाव दिया कि नेपाल में खास तौर से पन, सौर और जैव ईंधन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के संसाधनों के उपयोग को बढ़ाने की काफी संभावना है और उन्होंने इसके लिए हर संभव मदद देने का प्रस्ताव रखा।
इससे पहले फारूख अब्दुल्ला ने भारत में नेपाल के निवेश के लिए एक प्रदर्शनी‘इनवेसट्रेड’ और बिजली के उपकरणों तथा ऊर्जा क्षेत्र पर व्यापारियों की बैठक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ अब्दुल्ला ने नेपाल के पन बिजली संसाधनों को विकसित करने में दोनों देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया। भारत के प्रस्ताव को एक बेहतर प्रस्ताव बताते हुए उन्होंने बिजली की स्थिति से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने इनवेस्ट्रेड के भारतीय प्रतिभागियों से भी कहा कि वे नेपाल के वृहद और अप्रयुक्त ऊर्जा संभावनाओं को विकसित करने में नेपाली प्रतिभागियों के साथ कार्य करें।