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खिलाड़ी प्रदेश-देश का नाम रोशन करें-राज्यपाल

अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय खिला‌ड़ी सम्मानित

'युवाओं को हर क्षेत्र में प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन की जरूरत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 30 August 2018 01:06:00 PM

all india inter-university player, honored by governor ram naik

लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन गांधी सभागार में राष्ट्रीय खेल दिवस पर खिलाड़ी सम्मान समारोह में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया। खिलाड़ी सम्मान समारोह का आयोजन वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी एवं डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैज़ाबाद ने किया था। राज्यपाल ने हॉकी, क्रिकेट, एथलेटिक्स, तीरंदाज़ी, भारोत्तोलन, वुशू, कबड्डी, बॉक्सिंग, खो-खो आदि खेलों में पुरूष एवं महिला वर्ग में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों एवं टीम प्रबंधकों को सम्मानित किया।
गौरतलब है कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है, मेजर ध्यानचंद ने ओलम्पिक्स में देश को लगातार तीन बार हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाया था, उन्होंने अंग्रेजों के अपने यहां से खेलने के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए भारत देश के लिए ही खेले, इसका उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि खेल के लिए कड़ी मेहनत, मन की ताकत और टीम भावना का बड़ा महत्व है। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि वे खुद की प्रगति के साथ माता-पिता, गुरुजन, विश्वविद्यालय, प्रदेश एवं देश का नाम रोशन करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि शिक्षक भी इस बात पर विचार करें कि युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में कैसे आगे लाया जाए। राम नाईक ने कहा कि राजभवन में अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जैसे कवि सम्मेलन, संगीत कार्यक्रम, कुष्ठ पीड़ितों की भजन संध्या, परंतु खेल सम्मान समारोह से जहां राजभवन की गरिमा बढ़ती है, वहीं पदक प्राप्त खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिलता है।
राज्यपाल राम नाईक ने सम्मान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि परिश्रम करते हैं तो पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि खिलाड़ी भविष्य में और अधिक मेहनत कर अपने कॉलेज प्रदेश और देश के‌ लिए पदकों की संख्या बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि खेल पुरस्कार के लिए प्रेरित करने वाले शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों की भी अहम भूमिका होती है और ऐसे कार्यक्रमों से विश्वविद्यालयों को प्रसिद्धि और नई दिशा मिल सकती है। राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने और भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है, विश्व के केवल तीन देशों अमेरिका, चीन एवं इंडोनेशिया की आबादी उत्तर प्रदेश से अधिक है। राज्यपाल ने कहा कि ज्यादा मानव संसाधनों का अपना महत्व है, आजादी के बाद 1950-51 में हम गेहूं आयात करते थे, हमारी आबादी तीन गुना बढ़ गई है और किसानों की दृढ़ इच्छाशक्ति से आज हम गेहूं निर्यात करने की स्थिति में हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की पदक तालिका में भारत की स्थिति अपेक्षाकृत छोटे देशों से भी नीचे देखी जाती रही है, परंतु भारत के युवा खिलाड़ी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से ओलम्पिक एवं एशियाड जैसी प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक पदक प्राप्तकर देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को हर क्षेत्र में उचित प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन की जरूरत है। राम नाईक ने खिलाड़ियों को ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ श्लोक सुनाया और उसका मर्म समझाते हुए कहा कि जो बैठ जाता है उसका भाग्य भी बैठ जाता है, जो सोया रहता है उसका भाग्य भी सो जाता है, जो चलता रहता है उसका भाग्य भी चलता है। उन्होंने कहा कि सूरज इसलिए जगत वंदनीय है, क्योंकि वह निरंतर चलायमान है, इस‌लिए जीवन में निरंतर आगे बढ़ने से सफलता प्राप्त होती है। राज्यपाल ने बताया कि उनके संस्मरणों पर आधारित यह मूल मराठी पुस्तक शीघ्र ही जर्मन, अरबी, फारसी एवं सिंधी भाषा में प्रकाशित होने वाली है, पुस्तक हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, संस्कृत भाषा में पूर्व में ही प्रचलन में है।
वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने खिलाड़ी सम्मान समारोह पर प्रकाश डाला। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने सम्मान प्राप्त खिलाड़ियों का संक्षिप्त परिचय दिया। सम्मान समारोह में डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैज़ाबाद के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विश्वविद्यालयों ने अपनी प्रगति आख्या पर भी विस्तृत प्रकाश डाला। समारोह में कुलपतियों ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर राज्यपाल का सम्मान किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव हेमंत राव, शिक्षक-प्रशिक्षक, विद्यार्थी परिषद एवं कार्यपरिषद के सदस्य, खिलाड़ियों के परिजन और राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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