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Monday 12 October 2015 04:48:22 AM
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मुंबई में थे और उन्होंने भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर को चैत्य भूमि में श्रद्धाजंलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने इंदु मिल परिसर में डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक की पट्टिका का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि देश में आरक्षण व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा। एमएमआरडीए मैदान में अपने पौन घंटे के भाषण में नरेंद्र मोदी ने कहा कि आरक्षण ऐसी शक्ति है जो बाबासाहेब अंबेडकर ने हमें दी है जिसे कोई भी ताकत छीन नहीं सकती। नरेंद्र मोदी ने मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के चौथे कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखे जाने के अवसर पर एक पट्टिका का अनावरण किया। एक जनसभा में प्रधानमंत्री ने दो मेट्रो रेल कॉरिडोर की आधारशिला रखे जाने पर पट्टिका का अनावरण भी किया।
प्रधानमंत्री ने डॉ भीमराव अंबेडकर के राष्ट्र के प्रति योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि इंदु मिल परिसर में उनका एक विश्व स्तरीय स्मारक बनाया जाएगा, इस स्मारक में महाराष्ट्र के सभी गांवों की जनभागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने भीमराव अंबेडकर के योगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा भी की। प्रधानमंत्री ने आरक्षण नीति की किसी भी प्रकार से समीक्षा से संबंधित सभी अफवाहों का कड़े शब्दों में खंडन करते हुए कहा कि डॉ अंबेडकर के दिए आरक्षण लाभ को कोई नहीं छीन सकता। प्रधानमंत्री के इस कथन के बाद राजनीतिक दलों के इस प्रचार की हवा निकल गई कि भाजपा सरकार संघ के बहाने आरक्षण खत्म करने की सोच रही है। अंबेडकर की विरासत को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रचार से इनकार किया कि उनकी सरकार आरक्षण व्यवस्था को रद्द करने वाली है।
नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में कहा कि जब भी भाजपा की कोई सरकार सत्ता में होती है, झूंठे लोगों का एक समूह दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार में लग जाता है, आरक्षण को खत्म करने वाली बात भी दुष्प्रचार है, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान भी यही हुआ था, झूंठी बातें बंद होनी चाहिएं, समाज में आतंक पैदा करने का काम बंद होना चाहिए, यह राजनीति नहीं है। प्रधानमंत्री ने आधारभूत ढांचों के विकास कार्यक्रमों में तेजी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचय कार्यों के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की सराहना की। उन्होंने रेलमंत्री सुरेश प्रभु और नितिन गडकरी के कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने देश के आर्थिक विकास और मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता के लिए बंदरगाहों के विकास के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने गरीबी देखी है, मैंने इसे जिया है, समाज के वंचित तबकों के उत्थान के लिए काफी कुछ किया जाना अभी बाकी है, उनकी बेहतरी के लिए बाबासाहेब प्रतिबद्ध थे। अंबेडकर को महापुरुष करार देते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवन में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी भी बैर-भाव नहीं रखा और न उनमें कभी बदले की भावना रही। नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि अंबेडकर नहीं होते तो यह मोदी कहां होता? राष्ट्र की सेवा में अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को ही भारत का संविधान स्वीकार किया गया था।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि दीर्घकालिक सोच के अभाव में हम यह कहें कि अंबेडकर का संबंध दलितों से ही है, तो यह उनके साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि अंबेडकर हर किसी से जुड़े हुए हैं, मैं राजनीति में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन यह सच है कि हमें संविधान देने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा संसद में तभी लग सकी जब एक भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में आई। प्रधानमंत्री ने उनको देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने में हुई देरी की भी निंदा की। कमजोर तबकों के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों की अधिकतम जनसंख्या वाले राज्यों ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए चुना है। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि अंबेडकर स्मारक की आधारशिला रखने के मौके पर विभिन्न दलित पार्टियों के नेता एक मंच पर आए।