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Wednesday 9 April 2025 12:31:58 PM
मुंबई। विख्यात जैन आचार्य लोकेश ने कहा हैकि भगवान महावीर का दर्शन अपनाने से विश्वशांति और सद्भावना संभव है और जैन सिद्धांतों में युद्ध, हिंसा, पर्यावरण प्रदूषण, असमानता जैसी वैश्विक समस्याओं का समाधान समाहित है। भगवान महावीर जन्मकल्याणक पर मुंबई के प्रभादेवी रविंद्र नाट्य मंदिर सभागार में लोकमत मीडिया ग्रुप एवं अहिंसा विश्व भारती संस्था के संयुक्त तत्वावधान में ‘अंतरधार्मिक संवाद विश्वशांति सद्भावना’ हुआ था, जिसमें जैन आचार्य लोकेश ने यह बात कही। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और बिहार के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान, विख्यात विश्वशांति दूत जैन आचार्य लोकेश, महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, बौद्ध भिक्षु भदंत राहुल बौधि और पूर्व डीजीपी पीएस पसरिचा ने संयुक्त रूपसे यह संवाद आरंभ किया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के संपूर्ण जैन समाज को भगवान महावीर जन्मकल्याणक दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहाकि जैन समाज का राष्ट्र निर्माण और मानव कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान है। बिहार के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान ने कहाकि विकास केलिए शांति आवश्यक है, भारत के संपूर्ण विकास केलिए अंतरधार्मिक संवाद जैसे प्रयासों की जरूरत है। महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहाकि भारतीय संस्कृति ने ‘वासुधैव कुटुंबकम’ एवं ‘सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु: निरामया’ का संदेश पूरी दुनिया को दिया। उन्होंने कहाकि विश्वशांति और सतत विकास के इस संदेश की पूरी दुनिया को आवश्यकता है। बौद्ध भिक्षु भदंत राहुल बौधि एवं सिख प्रतिनिधि पूर्व डीजीपी पीएस पसरिचा ने भी कहाकि करुणा, अहिंसा, नैतिकता आदि मानवतावादी मूल्यों को आत्मसात करने से ही विश्व में शांति और सद्भावना की स्थापना हो सकती है।
महाराष्ट्र एवं बिहार के राज्यपाल ने जैन आचार्य लोकेश के व्यक्तित्व पर आधारित विश्व शांतिदूत ग्रंथ का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वशांति एवं सद्भावना के क्षेत्रमें विशेष योगदान देने केलिए प्रदीप राठौड़, पृथ्वीराज कोठारी, प्रकाश धारीवाल, उज्जवल पगारिया, विशाल चौरडिया, अनिल जैन, नितिन खारा को सम्मानित किया। लोकमत मीडिया ग्रुप के चेयरमैन डॉ विजय दर्डा ने धन्यवाद ज्ञापित किया और इस संवाद कार्यक्रम के सफल आयोजन में लोकमत मीडिया और अहिंसा विश्व भारती के कार्यकर्ताओं ने अनुकरणीय सहयोग की सराहना की। संवाद में विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।