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Saturday 12 April 2025 12:36:15 PM
भुवनेश्वर। भारतीय सशस्त्र बलों की ज़मीन से आकाश तक मारक क्षमताओं को सशक्त करने की पहलों में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने 8 और 10 अप्रैल केबीच युद्धक विमान सुखोई-30 एमकेआई से लंबी दूरी के ग्लाइड बम 'गौरव' का सफल परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान ग्लाइड बम को द्वीप पर जमीनी लक्ष्य केसाथ विभिन्न वारहेड कॉन्फ़िगरेशन में कई स्टेशनों से एकीकृत किया गया था, जो लगभग 100 किलोमीटर के दायरे में सटीकता केसाथ लक्ष्य को भेदने में सफल रहा। लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम 'गौरव' 1000 किलोग्राम वजनी ग्लाइड बम है, जिसे डीआरडीओ की हैदराबाद प्रयोगशाला ‘रिसर्च सेंटर इमारत’, आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर में स्वदेशी रूपसे डिजाइन और विकसित किया गया है। डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन परीक्षणों में भाग लिया और इसकी समीक्षा भी की।
लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम 'गौरव' प्रणाली को विकास सह उत्पादन भागीदारों-अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज और विभिन्न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के सहयोग से साकार रूप दिया गया। ग्लाइड बम 'गौरव' प्रणाली के विकास सह उत्पादन में सैन्य उड़ान योग्यता एवं प्रमाणन केंद्र तथा वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय ने प्रमाणन और गुणवत्ता में योगदान दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 'गौरव' के सफल परीक्षण केलिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम विकासित होने से भारतीय सशस्त्र बलों की मारक क्षमताएं अब और ज्यादा सशक्त होंगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी है।