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Monday 14 April 2025 04:35:24 PM
नई दिल्ली। आधुनिक भारत के महानतम विचारकों और भारतीय संविधान निर्माताओं में प्रमुख भारतरत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर के 135वें जयंती दिवस को आज देश-दुनिया में विभिन्न आयोजनों एवं कार्यक्रमों के जरिए उनके देश और जनकल्याण के अनुकरणीय कार्यों का अनुसरण करते हुए धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में संसद परिसर के प्रेरणा स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बाबासाहेब को भावनात्मक सम्मान देते हुए उनकी प्रतिमा के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्रियों, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, संसद सदस्य, पूर्व संसद सदस्य और और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और कई गणमान्य महानुभावों ने भी बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आंबेडकर जयंती पर संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में भी बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। ज्ञातव्य हैकि संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में बाबासाहेब के चित्र का अनावरण 12 अप्रैल 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने किया था। बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर ने भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सामाजिक न्याय के पक्षधर के रूपमें सुविख्यात बाबासाहेब ने भारतीय समाज में अनुकरणीय योगदान दिया है। उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के सभापति के रूपमें रही, इस पद पर कार्य करते हुए उन्होंने संविधान सभा में चर्चा के दौरान अमूल्य योगदान दिया। भारत के संविधान में समावेशिता और न्याय के सिद्धांतों को सुनिश्चित करने केलिए प्रेरक शक्ति के रूपमें कार्य करते हुए समृद्ध विरासत छोड़ी, जिसके लिए उन्हें देश-दुनिया तक में पूजनीय माना जाता है।
आंबेडकर जयंती पर ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश में कहा हैकि भारतीय संविधान के शिल्पकार, देश के प्रथम विधि मंत्री बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन! बाबासाहेब आजीवन समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुता केलिए समर्पित रहे, कमज़ोर परिवेश से निकलकर उन्होंने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कीं तथा समाज में वांछित परिवर्तन लाने केलिए शिक्षा को सशक्त माध्यम बनाया। संविधान सभा में ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन के रूपमें दुनिया के सर्वोत्कृष्ट विधायी दस्तावेज भारत के संविधान की रचना की। उन्होंने कहाकि जब हम संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं, बाबासाहेब का व्यक्तित्व और अधिक प्रासंगिक हो जाता है, उनका दर्शन हमें सभी तरहके अन्याय, शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ संगठित रहने की प्रेरणा देता है। ओम बिरला ने कहाकि वंचित वर्ग के उत्थान और राष्ट्र के सशक्तिकरण केलिए समर्पित बाबासाहेब का जीवन करोड़ों देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करता रहेगा।