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Thursday 15 August 2013 08:55:31 AM
नई दिल्ली। भारत में कम आय वर्ग के लिए आवास वित्त परियोजना हेतु विश्व बैंक से 10 करोड़ अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता और परियोजना समझौतों पर कल नई दिल्ली में भारत सरकार के राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) और विश्व बैंक की ओर से हस्ताक्षर किए गए। परियोजना का उद्देश्य कम आय वाले परिवारों की पहुंच स्थायी आवास वित्त सुविधाओं तक कायम करना है, ताकि वे अपने मकानों का निर्माण और उन्नयन कर सकें।
ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव निलय मितेश और विश्व बैंक की ओर से आपरेशन एडवाइजर (इंडिया) माइकल हैनी ने हस्ताक्षर किए। परियोजना समझौते पर राष्ट्रीय आवास बैंक की ओर से अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरवी वर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा राष्ट्रीय आवास बैंक के प्रतिनिधि और वित्त मंत्रालय तथा विश्व बैंक के अधिकारी मौजूद थे।
परियोजना के तीन घटक होंगे, जिनमें राष्ट्रीय आवास बैंक को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सक्षम मध्यस्थ संस्थानों के जरिए स्थायी और सस्ते आवास के लिए वित्तीय सहायता, सक्षम प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों द्वारा प्राथमिक ऋण लेने वालों को मकान बनाने या अपने मकानों का उन्नयन करने के लिए कम आय वर्ग को दिए गए आवास ऋणों का पुनर्वित्त पोषण। राष्ट्रीय आवास बैंक, सक्षम मध्यस्थ संस्थानों और सक्षम प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों की क्षमता बढ़ाना औरपरियोजना कार्यान्वयन।
इस परियोजना के अंत में यह उम्मीद की जाएगी कि कम आय समूह को ऋण देने वाले प्राथमिक ऋणदाताओं की संख्या बढ़े, उन्हें दिए जाने वाले ऋण की सीमा का विस्तार हो और ऐसे ऋण लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ाई जा सके। परियोजना का उद्देश्य कम आय वाले परिवारों को ऋण देने वाले संस्थानों को प्रोत्साहित करना है, ताकि ऋणदाता की लागत में लगभग 200-300 आधार अंकों की कमी लाई जा सके। यह एक वित्तीय मध्यस्थ ऋण है, जिसकी कार्यान्वयन की अवधि पांच वर्ष होगी। इसमें राष्ट्रीय आवास बैंक कार्यान्वयन एजेंसी है।