स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 6 April 2025 02:07:12 PM
नई दिल्ली। पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत की समृद्ध समुद्री विरासत, राष्ट्र के विकास और वैश्विक संपर्क में नाविकों के असाधारण योगदान को सम्मानित करते हुए देशभर में 62वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस को बड़े उत्साह केसाथ मनाया। इस वर्ष का विषय ‘समृद्ध समुद्र-विकसित भारत और नीली अर्थव्यवस्था एवं हरित विकास केलिए युवा’, समुद्री क्षेत्रमें सतत विकास के महत्व और नवाचार व पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। शिपिंग महानिदेशालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह समिति दिल्ली चैप्टर ने नई दिल्ली के विनय मार्ग खेल मैदान में समारोह का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर हम अपने नाविकों और समुद्री समुदाय की अटूट भावना का सम्मान करते हैं, जिनका देश की अर्थव्यवस्था में अनुकरणीय योगदान है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम अपने बंदरगाहों को मजबूत करना, तटीय शिपिंग को सशक्त बनाना और नवाचार को अपनाना जारी रखे हैं एवं हम भारत को वैश्विक समुद्री नेता बनाने केलिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि महासागर हमें न केवल व्यापार, बल्कि अवसर विकास और राष्ट्रीय प्रगति से भी जोड़ता है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि भारत का समुद्री क्षेत्र ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, हमारी विशाल नीली अर्थव्यवस्था, अत्याधुनिक बंदरगाह अवसंरचना और भविष्य केलिए तैयार शिपिंग पारिस्थितिकी तंत्र केसाथ यह क्षेत्र 'विकसित भारत' की हमारी दिशात्मक यात्रा में एक शक्तिशाली बल गुणक के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह हमारे नाविकों, तटीय समुदायों और भारत केलिए एक स्थायी, सुरक्षित व वैश्विक रूपसे प्रतिस्पर्धी समुद्री भविष्य के निर्माण केलिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का उत्सव है।
सर्बानंद सोनोवाल ने जलपान सत्र के दौरान कैडेटों केसाथ गर्मजोशी से बातचीत की, उनकी आकांक्षाओं और प्रशिक्षण के बारेमें सार्थक बातचीत की। उन्होंने महिला कैडेटों से बातचीत की और उन्हें भारत के समुद्री परिदृश्य के भविष्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाने केलिए प्रोत्साहित किया। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह के अवसर पर युवा कैडेटों केसाथ बातचीत करना वास्तव में प्रेरणादायक था-उनका जुनून और प्रतिबद्धता भारत की समुद्री यात्रा के उज्ज्वल भविष्य को दर्शाती है। समुद्री क्षेत्रमें सप्ताहभर चले समारोहों में प्रधानमंत्री और समुद्री राज्यों के राज्यपालों केलिए ध्वजारोहण समारोह, रक्तदान शिविर, शहीद नाविकों के सम्मान में पुष्पांजलि समारोह, समुद्री विकास और नीली अर्थव्यवस्था के भविष्य पर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार शामिल थे। सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने और स्वस्थ समुद्री भावना को बढ़ावा देने केलिए समुद्री पेशेवरों की सक्रिय भागीदारी केसाथ फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, भाला फेंक, रिले दौड़ और स्प्रिंट जैसे खेल आयोजित किए गए। इनमें टीमवर्क, लचीलापन और सौहार्द के मूल्यों को रेखांकित किया गया, जो समुद्र में जीवन की पहचान हैं।
जलमार्ग मंत्रालय ने समुद्री क्षेत्र में व्यक्तियों और संगठनों की उत्कृष्ट सेवाओं को मान्यता देते हुए उनके समर्पण और उपलब्धियों का सम्मान करने केलिए पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र प्रदान किए। कार्यक्रम में मंत्रालय के सचिव (शिपिंग), संयुक्त सचिव (बंदरगाह), निदेशक और अवर सचिव भी शामिल हुए, जो समुद्री उन्नति केलिए मजबूत संस्थागत उपस्थिति और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें लगभग 510 प्रशिक्षुओं और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर न केवल भारत के समुद्री अग्रदूतों की विरासत का सम्मान किया गया, बल्कि हरित, अधिक समावेशी और नवाचार संचालित समुद्री भविष्य केलिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की गई। यह दिवस 'एसएस लॉयल्टी' की ऐतिहासिक यात्रा का स्मरण करता है, जो पहला भारतीय स्वामित्व वाला स्टीमशिप था और 5 अप्रैल 1919 को मुंबई से लंदन केलिए रवाना होकर भारत के अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग में प्रवेश को चिन्हित किया और देश की गौरवशाली समुद्री यात्रा की नींव रखी।