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Wednesday 1 June 2016 07:29:15 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना को जारी किया। इस तरह की यह पहली योजना है, जिसका उद्देश्य भारत को आपदा प्रतिरोधक बनाना और जन-जीवन तथा संपत्ति के नुकसान को कम करना है। यह योजना ‘सेनडाई फ्रेमवर्क’ के चार बिंदुओं पर आधारित है, इनमें आपदा जोखिम का अध्ययन, आपदा जोखिम प्रबंधन में सुधार करना, ढांचागत और गैर ढांचागत उपायों के जरिए आपदा जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना, आपदा का सामना करने के लिए तैयारी और पूर्व सूचना एवं आपदा के बाद बेहतर पुर्ननिर्माण करना शामिल है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना के दायरे में रोकथाम, जोखिम कम करना, प्रत्युत्तर तथा बहाली आपदा प्रबंधन के ये सभी चरण शामिल हैं। योजना के तहत सरकार के समस्त विभागों और एजेंसियों के बीच हर प्रकार के एकीकरण का प्रावधान किया गया है। योजना में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों सहित प्रत्येक सरकारी स्तर पर भूमिका और दायित्व के विषय में उल्लेख किया गया है। यह योजना क्षेत्रीय आधार को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो न सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए, बल्कि विकास योजना के लिए भी लाभकारी है। इसका डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि इसे आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में समान रूप से लागू किया जा सकता है।
आपदा प्रबंधन योजना में पूर्व सूचना, सूचना का प्रसारण, चिकित्सा सेवा, र्इंधन, यातायात, खोज, बचाव आदि जैसी प्रमुख गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। आपदा प्रबंधन के तहत बहाली के लिए एक आम फ्रेम वर्क भी बनाया गया है, परिस्थितियों का आकलन करने और बेहतर पुनर्निर्माण के उपायों का भी उल्लेख किया गया है। समुदायों को आपदा का मुकाबला करने के संबंध में सक्षम बनाने के लिए योजना में सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों पर अधिक जोर दिया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना लागू करने के अवसर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आला अधिकारी भी उपस्थित थे।