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Tuesday 16 May 2017 12:18:05 PM
लखनऊ। मनकामेश्वर मठ मंदिर लखनऊ की महंत देव्या गिरि ने आज तहज़ीब के शहर लखनऊ के सामने स्वच्छता और कर्तव्य की एक और अनुकरणीय नसीहत और नज़ीर पेश की, जो उन लोगों के दिल को छू गई होगी, जो उत्सव, धर्म और आध्यात्म के पुनीत अनुष्ठान में सुख समृद्धि यश और कीर्ति की कामना करते हुए जाने या अनजाने में समाज के प्रति अपनी उन जिम्मेदारियों और जीवन मूल्यों की घोर उपेक्षा करते हैं, जो सार्वजनिक स्थानों पर हरएक के लिए बहुत ही मायने रखते हैं, जो नगरवासियों की सार्वजनिक सभ्यता का बोध कराते हैं, जो नगर में प्रवेश करने वालों के लिए वहां के नागरिकों की सकल जागरुकता का संदेश देते हैं। यूं तो महंत देव्या गिरि अक्सर ही कुछ न कुछ ऐसा करती रहती हैं, जिसकी शहर और समाज में हर कोई प्रशंसा करता है, लेकिन आज उन्होंने संकटमोचक पवनसुत हनुमान के उन भक्तों को आईना दिखाया, जो भंडारा करते हैं और जो प्रसाद ग्रहणकर उसी स्थान को गंदगी का ढेर बनाकर आगे बढ़ लेते हैं।
जी हां! यह चित्र अपने में एक हज़ार शब्द हैं, जिसे देखने के बाद कहने के लिए कुछ नहीं रह जाता। महंत देव्या गिरि ने आज ज्येष्ठ मास के पहले बड़े मंगल पर जहां-तहां भंडारे के आयोजनकर्ताओं और प्रसाद ग्रहणकर वहीं पर भंडारे के आसपास निष्प्रयोज्य सामग्री दोना, पत्तल, गिलास आदि फेंककर गंदगी मचाने वालों के सामने स्वयं और अपने सेवादारों के साथ सफाई की और लोगों को आइंदा अपना स्वच्छता का कर्तव्य निभाने का संकल्प दिलाया। राजधानी के और कई क्षेत्रों में उन्होंने भंडारा स्थलों पर जाकर इसी प्रकार सफाई अभियान चलाया और अपने किए पर शर्मिंदा लोगों ने सफाई का संकल्प लिया। महंत देव्या गिरि ने कहा कि भंडारे के आयोजनकर्ता भंडारा स्थल पर निष्प्रयोज्य सामग्री दोना, पत्तल, गिलास आदि के लिए कूड़ेदान की अवश्य व्यवस्था करें, प्रसाद का वितरण दोना-पत्तल में ही करें, प्लास्टिक की थैली और प्लास्टिक गिलास का प्रयोग न करें। उन्होंने प्रसाद लेने वाले श्रद्धालुओं से भी अपील की कि वे डिस्पोजल सामग्री को सड़क या नालियों में नहीं फेकें।
महंत देव्या गिरि लखनऊ में अनेक भंडारा स्थलों पर पहुंचीं और भंडारा संचालकों को संकल्प-पत्र देकर उनसे यह संकल्प भरवाया कि मैं मनकामेश्वर स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक आयोजन में स्वच्छता का संकल्प लेता हूं, साथ ही स्वयं और सभी लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने का वचन देता हूं। भंडारा संचालकों ने स्वच्छता की शपथ ली और मनकामेश्वर मंदिर प्रशासन की ओर से निःशुल्क वितरित की गई कूड़े की बोरियों में कूड़ा एकत्र किया गया। महंत देव्या गिरि ने सेवादारों के साथ निगोहां, मोहनलालगंज, मड़ियाव, तेलीबाग, लाटूश रोड, सरोजनीनगर, कपूरथला, हजरतगंज जैसे कई इलाकों में जाकर दिनभर यह सफाई अभियान चलाया। सफाई अभियान में मनकामेश्वर मंदिर के सेवादार अवनीश त्रिवेदी, जगदीश गुप्ता, सोनी सिंह, विक्की, मोहित यादव, राजकुमार, शिव हरि, देवेश जायसवाल, रोहित खेत्रपाल, मुकेश आदि शामिल थे। गौरतलब है कि साफ सुथराई पर कोई ध्यान नहीं देने की यह स्थिति तब है, जब जनसामान्य में सफाई जागरुकता के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भारत सरकार और राज्य सरकारों के अधिकारी, मुख्यमंत्री मंत्री तक आए दिन स्वयं झाड़ू लेकर सड़क पर उतरे हुए होते हैं।
बहरहाल ज्येष्ठ मास के पहले बड़े मंगल पर महंत देव्या गिरि ने भी बड़ी साफ-सफाई से भंडारे का आयोजन किया। संकटमोचक हनुमान के चित्र पर फूलमाला चढ़ाई। बड़ी संख्या में भक्तों ने उनसे प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर सभी धर्मों के लोग मौजूद थे। महंत देव्या गिरि ने प्रसाद वितरण में केवल परंपरागत दोना-पत्तल का ही उपयोग किया। उन्होंने प्लास्टिक के गिलास अथवा पॉलिथिन का उपयोग नहीं किया। भंडारे में प्रसाद वितरण में उपयोग किए गए दोने के लिए उन्होंने कूड़ेदान की व्यवस्था की हुई थी, जबकि अनेक जगहों पर भंडारा संचालकों का साफ-सफाई पर कोई भी ध्यान नहीं था। देखा गया कि भंडारे के पास ही श्रद्धालुओं ने सड़कों पर दोने फेंककर पूरी गंदगी मचाई हुई थी, वहां से राह चलते लोग भी काफी परेशान थे। महंत देव्या गिरि को यह एहसास था कि अनेक भंडारा संचालक सफाई व्यवस्था की उपेक्षा करेंगे और वैसी ही स्थिति दिखाई भी दी। महंत देव्या गिरि ने पहले से ही सफाई बैग्स की व्यवस्था भी की हुई थी, जो उन्होंने भंडारे के संचालनकर्ताओं को निःशुल्क प्रदान किए, इस प्रकार एक बार फिर लखनऊ में सफाई व्यवस्था पर लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ। देखना है कि इस नसीहत का लोगों पर अगली बार कितना असर दिखाई देता है।