स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 6 July 2018 06:46:26 PM
पुद्दुचेरी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश के सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया है कि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत सभी विषयों की शिक्षा मातृभाषा में दें, क्योंकि मातृभाषा किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है। उपराष्ट्रपति आज पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसमें उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उपराष्ट्रपति ने शिक्षण की प्रणालियों में बदलाव लाने का आग्रह किया, ताकि छात्रों की छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाया जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञान प्राप्ति की सतत प्रक्रिया है और शैक्षणिक डिग्री हासिल करने के साथ ही यह प्रक्रिया समाप्त नहीं होती, बल्कि शिक्षा व्यक्ति को नैतिक मूल्य प्रदान करती है, जिससे उसका सर्वांगीण विकास होता है। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का उपकरण बताते हुए कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों से उर्त्तीण होने वाले छात्रों में रोज़गार के अनुरूप कार्यकुशलता अवश्य होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शोध और नवोन्मेष में विश्वस्तरीय केंद्र बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चशिक्षा संस्थानों को अपनी कार्यपद्धति का मूल्यांकन करके उन क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए, जिनमें सुधार और परिवर्तन की आवश्यकता है। वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें उत्पादकता, कार्यकुशलता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देना चाहिए और कार्यपद्धति को अधिक पारदर्शी, जन अनुकूल एवं उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने मानव संसाधन की क्षमता के उपयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि लोगों के पास 21वीं शताब्दी के विश्व के अनुरूप ज्ञान और कार्यकुशलता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि युवाओं के लिए नए उद्यमों को शुरू करने और नई नौकरियों के सृजन के लिए पर्याप्त अवसर हों। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि वे नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करें और शिक्षण एवं ज्ञान प्राप्ति प्रक्रिया को बेहतर बनाएं, ताकि छात्र इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हों।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि ज्ञान प्राप्ति से लगाव और समाधानों की खोज को प्रत्येक स्कूल और विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि छात्रों की पहुंच नए संसाधनों तक हो और वे अपने ज्ञान को अद्यतन कर सकें। इस अवसर पर पुद्दुचेरी की उपराज्यपाल डॉ किरण बेदी, मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, छात्र-छात्राएं, शिक्षक और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।