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Friday 19 October 2018 01:47:00 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की स्थिति को और अधिक बेहतर बनाए जाने के उद्देश्य से पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर नई भर्ती की जा रही है, जिसके तहत जून 2019 तक करीब एक लाख से भी ज्यादा उत्तर प्रदेश पुलिस की विभिन्न शाखाओं में नए पुलिसकर्मी भर्ती हो जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कर्मियों की कमी को शीघ्र दूर करने के लिए भर्ती की प्रक्रिया को समबद्ध और पूर्णतया पारदर्शी करने के निर्देश दिए हैं। इस भर्ती से जहां पुलिसबल की जनशक्ति में वृद्धि होगी, वहीं इससे पुलिसकर्मियों पर कार्य का तनाव भी कम होगा और बेहतर कार्य संस्कृति प्राप्त हो सकेगी। पुलिस सिपाहियों की भर्ती में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से आरक्षी सिविल पुलिस की नई भर्ती में 20 प्रतिशत पद महिलाओं हेतु सुरक्षित किए गए हैं।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह तथा पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड जीपी शर्मा ने एनेक्सी मीडिया सेंटर में मीडिया को सरकार के इस निर्णय की विस्तृत रूपसे जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि इस समय पुलिस विभाग में लगभग 42 प्रतिशत पुलिस आरक्षी स्तर पर, 50 प्रतिशत रिक्तियां जेल वार्डन स्तर तथा 38 प्रतिशत रिक्तियां फायर मैन स्तर पर रिक्तियां हैं। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि पुलिस कर्मियों का मनोबल को बढ़ाने एवं उनकी कार्य संस्कृति को और बेहतर करने के लिए वर्ष 2018 में विशेष प्रयास करके 37575 पुलिसकर्मियों को बड़ी संख्या में पदोन्नितियां प्रदान की गई हैं। उन्होंने बताया कि पदोन्नति प्राप्त पुलिसकर्मियों में 2192 निरीक्षक, 7500 उपनिरीक्षक तथा 24651 हेड कांस्टेबल हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में पदोन्नति पाने वाले पुलिस कर्मियों की कुल संख्या 9892 थी।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग में सिविल पुलिस एवं पीएसी में कुल स्वीकृत 2 लाख 29 हजार से अधिक पदों में से 97 हजार से अधिक पद वर्तमान समय में रिक्त हैं। पुलिसबल में सिपाहियों की कमी को शीघ्र पूरा करने के लिए 51216 पुलिस आरक्षियों की शीघ्र ही नई भर्ती का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 32 हजार पदों पर सिविल पुलिस के आरक्षियों तथा 19216 पदों पर पीएसी के आरक्षियो की नई भर्ती की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सिविल पुलिस के आरक्षी पदों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से उनके लिए 20 प्रतिशत पद सुरक्षित होंगे। उन्होंने बताया कि पिछली बार हुई अंतिम पुलिस भर्ती के दौरान ऐसे पात्र अभ्यर्थी, जिनकी वर्तमान में होने वाली नई भर्ती के आवेदन के दौरान आयु सीमा निकल गई है, उन्हें भी आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है।
प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि अग्निशमन विभाग को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए रिक्त पदों की भर्ती को भी प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया कि इस समय अग्निशमन विभाग में फायरमैन के कुल 5 हजार स्वीकृत पदों में से 1924 पद रिक्त चल रहे हैं, इस कमी को पूरा करने के लिए 1679 पदों पर फायरमैन की नई भर्ती हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड को अधियाचन प्रेषित कर दिया गया है। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि इसी प्रकार कारागार प्रशासन में भी पुरुष बंदी रक्षकों के स्वीकृत 6490 पदों में से वर्तमान समय में 3514 तथा महिला बंदी रक्षकों के स्वीकृत 721 पदों में से 96 पद ही भरे होने के कारण कुल 3638 बंदी रक्षकों की शीघ्र ही नई भर्ती की जा रही है, जिसमें 3012 पद पुरुष तथा 626 पद महिला बंदी रक्षकों के हैं। उन्होंने बताया कि कारागार प्रशासन विभाग जनशक्ति की कमी का सामना कर रहा है, इन भर्तियों से इसकी कमी दूर होगी।
अरविंद कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में 29 हजार से अधिक पुलिसकर्मी विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें 20134 पुरुष आरक्षी, 5341 महिला आरक्षी एवं 3828 पीएसी के आरक्षी हैं। उन्होंने बताया कि पीएसी के जवानों की कमी के चलते हुए स्वीकृत 273 पीएसी कंपनियों में से 74 कंपनी बंदी के कगार पर पहुंच गई थीं, जिनको शीघ्र ही नई जनशक्ति उपलब्ध कराकर पुर्नजीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के गंभीर प्रयासों के फलस्वरूप पीएसी की 30 कंपनिया शीघ्र ही नई जनशक्ति से पूर्ववत क्रियाशील हो जाएंगी तथा शेष को भी यथाशीघ्र क्रियाशील कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने वर्तमान पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने तथा नई भर्ती में अपनाई जाने वाली रणनीति की विस्तार से जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने भी पुलिस भर्ती की प्रक्रिया मे तेजी लाने एवं उनके बेहतर प्रशिक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे।