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Saturday 10 November 2018 04:49:41 PM
जेद्दा/ नई दिल्ली। सउदी अरब की वाणिज्यिक राजधानी के रूपमें प्रसिद्ध जेद्दा शहर में भारतीय दूतावास जेद्दा चैम्बर और भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद के सहयोग से जेद्दा में एक खाद्य और कृषि उत्पाद विक्रेता-क्रेता सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें चार प्रमुख उत्पादों-चावल, चाय, मसाले और सूखे मेवे के भारतीय निर्यातक सउदी अरब के प्रमुख आयातकों से मुलाकात करेंगे। चावल, चाय, मसाले और सूखे मेवे का निर्यात करने वाली 25 भारतीय कम्पनियां सम्मेलन में सउदी आयातकों के साथ बैठक करेंगी। सम्मेलन का उद्घाटन कल 11 नवंबर को जेद्दा में भारत के महावाणिज्यदूत मोहम्मद नूर रहमान शेख और जेद्दा चैम्बर के महासचिव हसन इब्राहिम दहलन करेंगे।
सउदी अरब में इन चार उत्पादों के निर्यात की असीम संभावनाएं हैं। सउदी अरब भारत के खाद्य एवं पेय का प्रमुख बाज़ार रहा है। यह सम्मेलन भारतीय कम्पनियों के लिए व्यापार की संभावनाओं को तलाश करने का एक आदर्श मंच है। सम्मेलन के दौरान उपभोक्ताओं के रुझानों का पता चलेगा और संयुक्त उद्यम एवं परस्पर सहयोग स्थापित करने में भी सहायता मिलेगी। भारत से चावल निर्यात में बासमती चावल की प्रमुख हिस्सेदारी रही है। भारत कुल बासमती चावल के 72 प्रतिशत का उत्पादन करता है। विश्व बाज़ार में बासमती चावल के निर्यात में भारत प्रमुख हिस्सेदार है। भारत अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण विश्व की सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली चाय का भी उत्पादन करता है। भारत विश्व में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। विश्व चाय उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत है, जबकि कुल चाय निर्यात में देश की हिस्सेदारी 7.5 प्रतिशत है।
भारत साठ से अधिक देशों को चाय का निर्यात करता है, ईरान, रूस, यूके, यूएसए और खाड़ी के देश भारतीय चाय के प्रमुख आयातक हैं। जीसीसी देशों में भारतीय मसालों की अत्याधिक मांग है। सउदी अरब भारत से काली मिर्च, लाल मिर्च, हल्दी, अदरक और इलायची का आयात करता है। सउदी अरब भारत के सबसे प्रमुख व्यापार तथा एफडीआई सहयोगियों में एक है। सउदी अरब को 2017 में पांच बिलियन डॉलर के मूल्य का भारतीय निर्यात हुआ। सउदी अरब को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद हैं-चावल, रसायन, प्रसंस्कृत पेट्रोलियम तेल, मोटर वाहन और इसके कलपुर्जे। वर्ष 2017 में सउदी अरब से भारत को होने वाला आयात 21 बिलियन डॉलर था, इस प्रकार 16 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है। पेट्रोलियम सउदी अरब से देश में आयात होने वाला प्रमुख उत्पाद है। सउदी अरब को होने वाले निर्यात में वृद्धि करके भारत व्यापार घाटे को कम करना चाहता है।