स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 8 May 2019 05:21:30 PM
कोच्चि। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने कोच्चि में विश्व सीमा शुल्क संगठन के एशिया प्रशांत क्षेत्र के सीमा शुल्क प्रशासन के क्षेत्रीय प्रमुखों की बैठक आयोजित की है, जो आज और कल तक चलेगी। गौरतलब है कि भारत को 1 जुलाई 2018 को दो वर्ष की अवधि के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र का वाइस चेयर बनाया गया है। बैठक में विश्व सीमा शुल्क संगठन ने क्षेत्र में देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने, सुविधाजनक बनाने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रारंभ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों में हुई प्रगति पर विचार-विमर्श किया और इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण पर भी विचार साझा किए।
सीबीआईसी के चैयरमेन डॉ प्रणब कुमार दास ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 20 से अधिक देशों के सीमा शुल्क प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं। बैठक में डबल्यूसीओ के वरिष्ठ अधिकारी तथा इसके क्षेत्रीय संगठनों जैसे रिजनल ऑफिस फोर कैपासिटी बिल्डिंग और रिजनल इंटेलीजेंस लियोनिंग ऑफिस के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। सीबीआईसी के चैयरमेन ने उद्घाटन भाषण में उन सिद्धांतों का उल्लेख किया, जिसके आधार पर भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के वाइस चेयर के रूपमें अपनी भूमिका निभा रहा है। इन क्षेत्रों में बेहतर संचार और कनेक्टिविटी, आधुनिक तकनीक का उपयोग, समावेशी दृष्टिकोण और प्रमुख मसलों पर आम सहमति प्रमुख है। उन्होंने कहा कि व्यापार को आसान बनाने के उपायों, सीमापार ई-कॉमर्स लेन-देन, छोटे द्वीपों की अर्थव्यवस्थाओं का क्षमता निर्माण तथा संशोधित क्योटो सम्मेलन जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
डब्ल्यूसीओ के महासचिव डॉ कुनियो मिकुरिया ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में सीमा शुल्क की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूसीओ वैश्विक व्यापार से संबंधित सुरक्षा को बेहतर बनाने तथा सीमापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक प्राथमिकताओं समेत डब्ल्यूसीओ के कार्यक्रमों, आरओसीबी, आरआईएलओ, सुरक्षा संबंधी मुद्दे, व्यापार में आसानी, ई-कॉमर्स आदि विषयों पर भी चर्चा होगी। सीमा शुल्क और व्यापार के बीच परस्पर सहयोग की महत्व को ध्यान में रखते हुए 7 मई को व्यापार दिवस का आयोजन किया गया था। इस दिन व्यापार और उद्योग जगत एवं थिंक टैंक के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र के सीमा शुल्क प्रशासन पर आधारित अपने विचार और अनुभव साझा किए।