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Monday 12 October 2020 01:24:42 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के अनुशंसित 8 समुद्र तटों को अंतर्राष्ट्रीय ब्ल्यू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त हुआ है। सरकार का कहना है कि पांच राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में भारत के 8 समुद्र तटों को ब्ल्यू फ्लैग प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाना भारत के लिए एक गौरव का क्षण है। प्रमाणपत्र देने का निर्णय एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति ने किया, जिसके प्रतिष्ठित सदस्यों में यूएनईपी, यूएएनडब्ल्यूटीओ, एफईई, आईयूसीएन शामिल थे। ब्ल्यू फ्लैग से सम्मानित समुद्र तट हैं-शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पादुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश), गोल्डन (पुरी-ओडिशा) और राधानगर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह)।
अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति ने भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों के तहत तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक ट्वीट संदेश में कहा कि यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है, किसी भी देश को पहले ही प्रयास में 8 समुद्र तटों के लिए कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है, यह भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है, जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है। जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमारात-यूएई एकमात्र एशियाई राष्ट्र हैं, जिन्हें दो समुद्र तटों के लिए ब्ल्यू फ्लैग से सम्मानित किया गया है और वो भी लगभग 5 से 6 वर्ष में। उन्होंने कहा कि भारत अब 50 ब्ल्यू फ्लैग देशों के समूह में शामिल है और हमें अपने राष्ट्र के लिए इस सम्मान पर गर्व है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्ष में हम देश में 100 ऐसे समुद्र तटों के लिए ब्ल्यू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने समुद्र तटों के विकास के लिए 2018 में अपनी प्रमुख योजना शुरू की थी और आगामी पर्यटन सत्र-2020 के लिए 8 समुद्र तटों के प्रमाणन के साथ पहला सेट प्रस्तुत किया है। एसआईसीओएम, एमओईएफसीसी, भारत के तटीय क्षेत्रों के सतत विकास की खोज में एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना के तहत एक अत्यधिक प्रशंसित और प्रमुख कार्यक्रम समुद्र तट पर्यावरण और सौंदर्य प्रबंधन को अपनाया, जिसका उद्देश्य प्रतिष्ठित फाउंडेशन ऑफ एनवायरनमेंटल एजुकेशन एफईई डेनमार्क द्वारा प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय ईको-लेबल ब्लू फ्लैग प्राप्त करने के लिए था।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीईएएमएस कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय जल और समुद्र तटों में प्रदूषण को कम करना, समुद्र तट की सुविधाओं के सतत विकास को बढ़ावा देना, तटीय पारिस्थितिक तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण करना और स्थानीय अधिकारियों और हितधारकों को स्वच्छता, स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखना और इसके लिए प्रोत्साहित करना है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि तटीय पर्यावरण मानदंडों और नियमों के अनुसार समुद्र तट पर सुरक्षा उपलब्ध कराना है, यह कार्यक्रम प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में समुद्र तट पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा देता है, इस अर्थ में यह अद्वितीय है।