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Saturday 25 February 2023 01:24:55 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के स्नातकोत्तर विद्यालय के 61वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया हैकि देश की प्रगति केलिए कृषि शिक्षा को अनुसंधान, नवाचार और उद्यमशीलता का केंद्र बनाया जाना चाहिए। कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने राष्ट्र की संपूर्ण प्रगति में कृषि और किसानों के उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने देश के कृषि क्षेत्रकी प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसने 800 मिलियन से अधिक लोगों केलिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने को संभव बनाया, वहभी उस समय जब दुनिया महामारी के संकट से गुजर रही थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूपमें मनाने और दुनियाभर में कृषि क्षेत्र केलिए इसके महत्व की दिशामें भारत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ड्रोन समेत कृषि में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग की ओरभी ध्यान दिलाया, जो बदलते समय केसाथ इस क्षेत्रको बदल रहा है। उपराष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र के उत्थान केलिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पहल केतहत 11.4 करोड़ से अधिक किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किएगए हैं। उपराष्ट्रपति ने इस तथ्य को रेखांकित कियाकि आईसीएआर-आईएआरआई का विशाल प्रतिभा पूल उन सभी तबकों से लिया गया है, जो सही मायने में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहाकि यह उस खंड से लिया गया है, जिसमें सबसे प्रामाणिक उद्यम, मिशन और देश केलिए सबकुछ देने का जुनून है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा प्रतिभाओं से भारत की उपलब्धियों और लोकतंत्र की जननी के रूपमें इसकी साख पर गर्व करने का आग्रह किया। उन्होंने संसद को लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए कहाकि यह संवाद, बहस, चर्चा और विचार-विमर्श केलिए है और इसे व्यवधान एवं अशांति का मंच नहीं बनना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहाकि संविधान के अनुच्छेद 105 केतहत दिएगए विशेषाधिकार बड़ी जिम्मेदारी केसाथ मिलते हैं और जिसे नकार नहीं जा सकता है। जगदीप धनखड़ ने यह बताते हुएकि सदन के अंदर सदस्यों की कही गई बातों केलिए उनके खिलाफ कोई दीवानी एवं फौजदारी मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है, इस बात पर जोर दियाकि उपयुक्त विचार और चिंतन केबाद ही संसद में प्रत्येक शब्द बोला जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि संसद को सूचनाओं के गिरावट का मंच नहीं बनने दिया जा सकता।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के स्नातकोत्तर विद्यालय के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ने आईसीएआर-आईएआरआई के मेधावी छात्रों को मेरिट मेडल और पुरस्कार प्रदान किए एवं अनाज, फलों व सब्जियों की 16 विभिन्न किस्में भी जारी कीं। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कुलपति एवं निदेशक डॉ एके सिंह, अधिष्ठाता एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा) डॉ अनुपमा सिंह, आईसीएआर-आईएआरआई के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक, विद्यार्थी तथा अभिभावक एवं किसानबंधु भी उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में 402 छात्र-छात्राओं ने डिग्रियां प्राप्त कीं, इनमें विदेशी विद्यार्थी भी शामिल हैं।