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संघवाद को बढ़ावा जरूरी-राजनाथ सिंह

अंतरराज्‍यीय परिषद की स्‍थायी समिति की बैठक

'केंद्र और राज्‍य संबंधों में आपसी सहयोग जरूरी'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 27 November 2017 03:05:41 AM

rajnath singh, standing committee of inter-state council meeting

नई ‌दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराज्‍यीय परिषद यानी आईएससी की स्‍थायी समिति की 12वीं बैठक में कहा है कि परस्‍पर सहयोग आधारित संघवाद को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल के वर्ष में कई कदम उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि अंतरराज्‍यीय परिषद की बैठक 10 वर्ष के अंतराल के पश्‍चात जुलाई 2016 में हुई थी, इसके बाद केंद्र राज्‍य संबंधों को सद्भावनापूर्ण बनाने की प्रक्रिया में गति लाने के उद्देश्‍य से आईएससी की स्‍थाई समिति की बैठक नियमित रूपसे आयोजित की जा रही है। उन्‍होंने इस तथ्‍य पर संतोष प्रकट किया कि क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें नियमित रूपसे आयोजित हो रही हैं। गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्‍य संबंधों में आपसी सहयोग पर विश्वास जरूरी है, इसलिए हमारा प्रयास है कि सभी क्षेत्रीय परिषदों की वर्ष में कम से कम एक बैठक जरूर हो।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उल्‍लेख किया कि इन बैठकों में उठाए जाने वाले राज्‍यों के आपसी मामले और केंद्र राज्‍य मामलों का समाधान इन बैठकों में ही हो जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में 82 मुद्दों और 2016 में 140 मुद्दों का समाधान किया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अंतरराज्‍यीय परिषद और स्‍थाई समिति का पुर्नरुत्‍थान किया गया है। उन्‍होंने कहा कि हमें आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा देना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि एजेंडा नोट्स में उल्लेखित कुछ जटिल मुद्दों पर सद्भावपूर्ण और अनुकूल वातावरण में सहमति बनी है। गृहमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में हुई स्थायी समिति की 11वीं बैठक में खंड 1 व खंड 2 पर परिचर्चा हुई और स्थायी समिति की अगली बैठक में खंड 4 व खंड 7 पर चर्चा होगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पुंछी आयोग रिपोर्ट पर स्थायी समिति की सिफारिशों को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अंतरराज्यीय परिषद के समक्ष रखा जाएगा।
अंतरराज्‍यीय परिषद की बैठक में केंद्र से राज्य को होने वाले वित्तीय अंतरण से संबंधित मामलों, वस्तु एवं सेवाकर, स्थानीय निकायों की संरचना और कार्यों का वितरण, जिला योजना, पांचवे और छठे अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान, साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखना, केंद्रीय बलों की तैनाती प्रवासन मुद्दे, पुलिस सुधार, आपराधिक न्यायप्रणाली और आंतरिक सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में स्थायी समिति ने खंड 3, 4 और 5 के 118 सिफारिशों पर विचार किया और अपने अनुमोदनों को अंतिम रूप दिया। भारत सरकार ने 2005 में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदनमोहन पुंछी की अध्यक्षता में पुंछी आयोग का गठन किया था। पुंछी आयोग ने 273 सिफारिशों समेत 7 खंडों में अपनी पूरी रिपोर्ट 2010 में सरकार को सौंपी थी। स्थायी समिति की 11वीं बैठक 11 वर्ष के अंतराल के पश्चात इस वर्ष 9 अप्रैल को हुई, जिसमें राज्यपालों की भूमिका, अंतरराज्‍यीय परिषद और आयोग की 69 सिफारिशों पर चर्चा की गई थी।

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