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उद्योगों में निवेश पर संसदीय समिति की बैठक

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नई दिल्ली। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक हुई जिसमें विभागीय मंत्री प्रफुल पटेल की अध्यक्षता में मंत्रालय के कामकाज पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में सदस्यों को सूचित किया गया कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम में बड़े सार्वजनिक निवेश के मद्देनजर यह आवश्यक हो जाता है कि सीपीएसई के प्रदर्शन में सुधार से संबंधित कदम उठाने की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाए। इस सिलसिले में कई कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं, जिनमें लाभ दिलाने वाली पीएसईज़ के बीच शक्तियों का बंटवारा, कमजोर एवं घाटे में चल रही पीएसईज़ की पुन:संरचना एवं पुनरुत्थान के लिए सरकार को सलाह देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम पुन:संरचना बोर्ड का गठन, सीपीएसईज़ के साथ समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर प्रणाली का पुनर्निर्माण शामिल हैं।

सदस्यों को भारी उद्योग विभाग के अंतर्गत आने वाले तीन अन्य उद्योग क्षेत्रों - कैपिटल गुड्स एंड इंजीनियरिंग इंडस्ट्री, हैवी इलैक्ट्रीकल इंडस्ट्री एवं ऑटो इंडस्ट्री - और 32 ओपनिंग पीएसईज़ के बारे में भी बताया गया। कैपिटल गुड्स इंडस्ट्री का अनुमानित वार्षिक उत्पादन 100,000 करोड़ रूपये से अधिक है। बैठक में बताया गया कि हैवी इलैक्ट्रीकल इंडस्ट्री के एक अन्य बड़े भागीदार, भारत हैवी इलैक्ट्रीकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ऊर्जा उत्पादन उपकरण की अपनी स्थापित निर्माण क्षमता को 2012 तक 20,000 मेगा वाट तक बढ़ा लेगा।

सदस्यों ने सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन के पुनरीक्षण, सेवानिवृत्ति आयु, वेतन भुगतान का मुद्दा उठाया और पीएसईज़ की पुन:संरचना, विनिवेश एवं निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व पर भी विचार किया गया। बैठक में डॉ महेंद्र सिंह पी चौहान, पकौड़ी लाल, नरेंद्र कुमार कश्यप, नाटुजी एच ठाकुर, आरसी सिंह और सुरेश के तवारे ने भाग लिया।

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