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नई दिल्ली। सूचना और संचार व्यवस्था के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देश बुधवार को नई दिल्ली में जारी किया गया। इसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से तैयार कराया गया है। इस मौके पर एनडीएमए के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने जोर देकर कहा कि मूल्य आधारित सूचना उत्पाद के जीआईसी प्लेटफार्म पर अनवरत रुप से पहुंचने के लिए न सिर्फ प्रतिक्रिया वाली अवस्था, बल्कि बचाव, राहत, तैयारी और सामान्य स्थिति बहाली सुनिश्चित करने के लिए आपदा प्रबंधन व्यवस्था में पूरी तरह समर्पित अचूक संचार व्यवस्था की जरुरत है। इसके अतिरिक्त क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए भी यह उपयोगी है।
रेड्डी ने जानकारी दी कि इसे हासिल करने के लिए अपेक्षित है कि केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना तंत्र (एनडीएमआईएस) की स्थापना (आपदा के बाद लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की प्रणाली) की जाए। इसके साथ ही पूरी तरह से समर्पित एवं अचूक राष्ट्रीय आपदा संचार नेटवर्क (एनडीसीएन) भी तैयार किया जाए, जिसका विशेष जोर आखिरी मील तक संचार को जोड़ने पर हो। एनडीसीएन नेटवर्कों का ऐसा नेटवर्क होगा, जो वर्तमान संचार नेटवर्क को ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आपदा संचालन केंद्रों से जोड़ने के लिए नेटवर्क उपलब्ध कराएगा। एनडीसीएन बहुविकल्पी सेवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा, जैसे-दृश्य, श्रव्य, आंकड़े और पहले से सक्रिय लोगों की ज़रुरत के लिए जानकारी आधारित सूचना एवं आपदा प्रबंधन के सभी चरणों के दौरान आपदा का समग्र प्रबंधन। एनडीसीएन आपदा के वक्त अचूक संचार व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए एक अलग उपग्रह लिंक नेटवर्क तैयार करेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 943 करोड़ रुपये है और अब गृह मंत्रालय इसका निरीक्षण कर रहा है।
एम शशिधर रेड्डी ने यह भी बताया कि एनडीएमए भारतीय रिज़र्व बैंक के लिए बैंकों की ओर से आधारभूत संरचना क्षेत्र को वित्तीय सेवा देने के संबंध में दिशा निर्देश तैयार कर रहा है, इसमें संचार क्षेत्र भी शामिल है। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना एवं संचार व्यवस्था पर राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी किया। इसे एनडीएमए ने तैयार किया है। सचिन पायलट ने इन दिशा-निर्देशों को तैयार करने के लिए एनडीएमए की सराहना की और इन दिशा-निर्देशों को लागू करने की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह देश के हर नागरिक के पास स्थानीय भाषा में पहुंचना चाहिए। एनडीएमए विभिन्न आपदा संबंधित विषयों पर 16 दिशा-निर्देश तैयार कर चुकी है। भारत सरकार के सभी मंत्रालय एवं विभाग और राज्य सरकारों को अपनी खुद की आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने की जरुरत है। एनडीएमए ने राज्यों को राज्य आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने के लिए धनराशि भी दी है।