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Friday 15 May 2020 02:59:21 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरिया ‘निशंक’ ने कोविड-19 संकट के मद्देनज़र सीबीएसई को सलाह दी है कि वह 9वीं और 11वीं कक्षा में असफल हो चुके सभी छात्रों को एक अवसर प्रदान करे। सीबीएसई ने इस बारे में एक अधिसूचना भी जारी कर दी है, जिसके मुताबिक लॉकडाउन में बच्चे घर पर रह रहे हैं, उनके विद्यालय बंद हैं, वे मानसिक तनाव व चिंता का अनुभव कर रहे हैं, माता-पिता वेतन, परिवार के स्वास्थ्य आदि के बारे में चिंतित हैं, इस कठिन समय में विद्यालय की परीक्षाओं को उत्तीर्ण न कर पाने वाले छात्र अधिक परेशान होंगे, ऐसे छात्र सीबीएसई से लगातार जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। अभिभावक भी लगातार ऐसे प्रश्न कर रहे हैं, ऐसे में छात्रों को तनाव मुक्त करने में सहायता के लिए सीबीएसई का यह एक उत्साहवर्धक प्रयास है।
सीबीएसई ने अभिभावकों और छात्रों के अनुरोध पर इस असाधारण परिस्थिति में एकबार के उपाय के रूपमें यह निर्णय लिया है कि 9वीं और 11वीं कक्षा के सभी असफल छात्रों को फिरसे विद्यालय आधारित परीक्षा में बैठने का एक और अवसर प्रदान किया जाएगा। यह अवसर उन सभी छात्रों के लिए होगा, चाहे उनकी परीक्षाएं पूर्ण हो गई हैं और परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं अथवा उनकी परीक्षा अभी पूर्ण नहीं हुई हैं। इस सुविधा को विषयों और प्रयासों की संख्या पर ध्यान दिए बिना विस्तारित किया गया है, ऐसे छात्रों को सहायता प्रदान करते हुए विद्यालय ऑनलाइन/ ऑफलाइन/ इनोवेटिव परीक्षा आयोजित कर सकते हैं और इस परीक्षा के आधार पर कक्षोन्नति का निर्णय ले सकते हैं। यह परीक्षा उन सभी विषयों में ली जा सकती है, जिसमें छात्र असफल हुए हैं।
परीक्षा आयोजित करने से पूर्व विद्यालय छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देंगे, इसलिए सीबीएसई से संबद्ध सभी विद्यालय 9वीं और 11वीं कक्षा के सभी असफल छात्रों को उन सभी विषयों के लिए एक अवसर प्रदान करेंगे, जिनमें छात्र असफल रहे हैं। यह एक बार पुनः दोहराया जाता है कि यह छूट सभी छात्रों के लिए है, भले ही उन्हें इस अधिसूचना से पहले भी अवसर दिया गया हो। सीबीएसई ने कहा है कि कोविड-19 के मद्देनज़र इस अवसर को केवल वर्तमान वर्ष के लिए ही प्रदान किया जा रहा है, यह सुविधा सिर्फ एक बार के उपाय के तौरपर ही है और इसे भविष्य में बढ़ाया नहीं जाएगा।