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Friday 29 November 2024 01:57:36 PM
मसूरी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह में मेधावियों को पदक और उपाधियां प्रदान कीं। गृहमंत्री ने इस मौक पर कहाकि यहां एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करनेवाले शिल्पियों का समूह उपस्थित है, जो अभ्यास, कर्मठता और ऊर्जा से लबरेज़ है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सबके सामने लक्ष्य रखा हैकि 2047 में जब देशकी आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त भारत दुनिया में हर क्षेत्रमें सर्वप्रथम होगा। अमित शाह ने अधिकारियों से कहाकि अगले 25 वर्षमें एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत की दिशामें उनके क्रियाकलाप देशको आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के सपनों को साकार करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहाकि यह मिशन तभी सफल होगा, जब 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर इसे साकार करेंगे। गृहमंत्री ने कहाकि हमें मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जिसमें प्रत्येक देशवासी आत्मसम्मान और सुविधाओं केसाथ अपनी अगली पीढ़ी का नेतृत्व कर सके।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि सिविल सेवा में ‘स्व से पर’ यानी अपने से पहले दूसरों के बारेमें विचार करने से बड़ा कोई मंत्र नहीं है। उन्होंने कहाकि सार्वजनिक जीवन में जाने केबाद अधिकारियों को लोगों के जीवन को आसान बनाने के प्रयास करने चाहिएं। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि आप जिस भी जिले में जाएं, वहां अलग-अलग डाटा को एआई की मदद से एकसाथ लाने का काम करें, आपके ये छोटे-छोटे प्रयोग देश की समृद्धि में उपयोगी होंगे। उन्होंने कहाकि विकास आंकड़ों से नहीं, बल्कि परिणाम से होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री की 'संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण' का उल्लेख करते हुए कहाकि कोईभी गतिविधि आइसोलेशन में नहीं परिणाम दे सकती, सामाजिक समरसता की दिशामें भी हमें 'संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण' केसाथ काम करना होगा, क्योंकि जबतक हर व्यक्ति को समान अवसर नहीं मिलेगा, देश विकास की राह पर नहीं बढ़ सकता। गृहमंत्री ने कहाकि इन चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबतक देशकी 50 प्रतिशत जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होगी, तबतक 'संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण' का कंसेप्ट पूरा नहीं होगा।
अमित शाह ने कहाकि सरकार का काम नीति बनाना है, लेकिन इनपर अमल करना अधिकारियों का काम है। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि नीतियों को सही तरीके से क्रियांवित और सही दिशामें संवेदनशीलता केसाथ लागू करना उनकी जिम्मेदारी है। अमित शाह ने कहाकि अधिकारियों का काम सरकार को रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव बनाने का है। उन्होंने कहाकि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करनाकि हरघर में शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचें, यह अधिकारियों का दायित्व है। अमित शाह ने कहाकि प्रगति वही कर सकता है, जिसके अंदर आखिरी सांस तक छात्र बनकर सीखने की भावना जिंदा रहती है। गृहमंत्री ने कहाकि बड़े-बड़े अर्थशास्त्री यह मानते थेकि जीएसटी भारत में सफल नहीं होगा, लेकिन आज यह हमारे देश के आर्थिक विकास की धुरी है। उन्होंने कहाकि मेक इन इंडिया आनेवाले दिनों में देश का गौरव बनने वाला है, क्योंकि भारत आज दुनियाभर के विनिर्माण क्षेत्रसे जुड़े लोगों केलिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने 10 साल में भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि नई शिक्षा नीति भारत के युवाओं को दुनियाभर के युवाओं केसाथ प्रतिस्पर्धा करने का मंच प्रदान कर रही है और प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में सुनिश्चित करने से बच्चों के समझने और तर्क करने की क्षमता बढ़ रही है। गृहमंत्री ने कहाकि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और नारकोटिक्स देश के 4 नासूर थे, सरकार की सख्त नीतियों के कारण 10 वर्ष में हमें इन चारों क्षेत्रोंमें बड़ी सफलताएं हासिल हुई हैं। उन्होंने दावा कियाकि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। अमित शाह ने कहाकि जबतक हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक होने का आत्मविश्वास और हमारे इतिहास तथा परंपरा के गौरव की भावना को महसूस नहीं करते, तबतक हम भारत को महान नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहाकि सभीको अपने खानपान, वेशभूषा और संस्कृति का गर्व केसाथ अनुसरण करना चाहिए। अमित शाह ने अधिकारियों से कहाकि चिंता की जगह चिंतन और व्यथा की जगह व्यवस्था से किसीभी समस्या का समाधान निकालें, चिंता हमारी सोचने की क्षमता को कम करती है, इसीलिए योग और ध्यान को जीवन का नित्यक्रम बनाएं। गृहमंत्री ने कहाकि समस्या के समाधान केलिए रोडमैप बनाना, माइक्रो प्लानिंग करना, उसे लागू करना, मिडटर्म समीक्षा करना और निरंतर फ़ॉलोअप करना बेहद ज़रूरी है। दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।