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देहरादून। बैंकर्स गरीबों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि गरीबों के विकास से देश का विकास होगा इसलिए बैंक इनको लोन देने में मददगार साबित हों। पंजाब नेशनल बैंक के अंचल प्रशिक्षण केंद्र में बैंकों से यह बात मुख्य विकास अधिकारी इंदुधर बौड़ाई ने कही। जिला स्तरीय समीक्षण/जिला सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि ऋण जमा अनुपात वाकई विकास का प्रतीक होता है, सभी बैंकर्स को अपनी सीडी रेशो बढ़ाने की आवश्यकता है, प्रशासन की ओर से पूरा-पूरा सहयोग बैंकर्स को प्रदान किया जा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद के ऋण जमा अनुपात का विश्लेषण करते हुए कहा कि मानक से नीचे ऋण जमा अनुपात वाले बैंक इसमें सुधार लाएं। आवश्यकता है बैंक और सरकारी विभाग मिलकर कार्य करें और जिले के ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने का प्रयत्न करें। बैठक में लीड बैक अधिकारी एमएम द्विवेदी ने कहा कि कृषि सेवा पर बैंक, लोनिंग ज्यादा करें। उन्होंने बताया कि जनपद देहरादून में कार्यरत सभी बैंकों ने वित्तीय वर्ष 2011-12 की वार्षिक ऋण योजना के जून 2011 तक के वार्षिक ऋण वितरण के लक्ष्य ` 199.15 करोड़ के विरूद्ध` 262.48 करोड़ की प्राप्ति की है जो लक्ष्य का 131.80 प्रतिशत है। कृषि क्षेत्र में लक्ष्य ` 35.08 करोड़ के सापेक्ष ` 53.65 करोड़ (152.93 प्रतिशत), उद्योग क्षेत्र में लक्ष्य ` 45.86 करोड़ के सापेक्ष` 53.63 करोड़ (117.01 प्रतिशत) एवं सेवा क्षेत्र में लक्ष्य` 118.24 करोड़ के सापेक्ष ` 155.20करोड़ (131.26 प्रतिशत) की प्राप्ति की गई।
बैठक में पीएनबी के मंडल प्रमुख अशोक अनेजा ने सुझाव दिया कि सहसपुर में एक वृहद ऋण शिविर लगाया जाए। भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक शिशिर कुमार ने कहा कि बैंक चिन्हित 2000 से अधिक जनसंख्या वाले एवं अटल आदर्श ग्रामों में बैंकिंग सेवा प्रदान करने हेतु अपनी गति बढ़ाएं ताकि मार्च 2012 तक इन सभी ग्रामों को बैंकों से जोड़ा जा सके। उत्तराखंड इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बैठक में सुझाव दिया कि जिले में सेवा क्षेत्र से संबंधित उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कमेटी का गठन किया जाए और बैंक अपनी ग्राहक सेवा को और सुधारने का प्रत्यत्न करें।
बैठक में लीड बैंक अधिकारी ने कहा कि जनपद देहरादून में वित्तीय समावेशन का कार्य चल रहा है। जनपद में निवास कर रहे सभी परिवारों को शतप्रतिशत खाते बैंक, पोस्ट ऑफिस, वित्तीय संस्थान में खोले जा रहे हैं। उन्होंने बैंकों से अनुरोध किया कि इन खाता धारकों में ओवर ड्रॉफ्ट/ऋण की सुविधा प्रदान करें। बैठक में शासकीय प्रायोजित कार्यक्रम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, पीएमआरवाई प्लस योजना, स्पेशल कंपोनेंट प्लान, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, डेरी उद्यमिता विकास योजना, मत्स्य पालन योजना, सीजीटीएमएसई योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री संरक्षित उद्यान विकास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड पर भी विस्तार से चर्चा की गयी एवं बैकों से अपेक्षा की गई कि विभिन्न विभागों द्वारा प्रेषित स्वरोजगार योजनाओं पर सार्थकता से विचार कर लंबित प्रकरणों को सुलझाने का प्रयास किया जाए।
बैठक में प्रबंधक नाबार्ड कुमारी प्रीति टोलिया, परियोजना निदेशक बीएस सजवाण, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कौशल्या बंधु, जिला पर्यटन विकास अधिकारी योगेंद्र गंगवार सहित जनपदीय अधिकारी एवं विभिन्न बैंकों के अधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद थे।