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स्वास्थ्य एक चुनौती बना हुआ है-राष्ट्रपति

'जेएसएस एकेडमी स्वास्थ्य विज्ञान का प्रतिष्ठित संस्थान'

राष्ट्रपति ने किया एकेडमी के ग्लोबल कैम्पस का शिलान्यास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 12 October 2019 01:15:12 PM

president laid the foundation stone of global campus

मैसूर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मैसूर के वरुणा ग्राम में जेएसएस एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च के परिसर का शिलान्यास किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि वरुणा ग्राम में जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च का ‘ग्लोबल कैम्पस’ शिवराथरी राजेंद्र महास्‍वामी को श्रद्धांजलि है, जिनकी 104वीं जयंती इस वर्ष मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सुत्तूर मठ के फोकस को शिवराथत्री राजेंद्र महास्वामी ने प्रबल प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि जेएसएस एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च की स्थापना 2008 में हुई थी और आज इसे स्वास्थ्य विज्ञान का एक प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जेएसएस एकेडमी के इस नए ‘ग्लोबल कैम्पस’ से संस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक योगदान देने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों की ओर इंगित करते हुए कहा कि हमने हाल के वर्ष में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, फिर भी विकास की दिशा में स्वास्थ्य हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बना हुआ है, एक देश के रूपमें हमें संचारी, गैर-संचारी तथा नए और उभरते रोगों के तिहरे बोझ की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, कुपोषण और उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग भी हमपर भारी दबाव डालते हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार लाने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि साफ-सफाई और स्वच्छता स्वास्थ्य संबंधी कई मुद्दों और बीमारियों से निपटने की बुनियादी जरूरत है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रव्यापी क्रांति पहले से ही जारी है, इसे जारी रखना चाहिए और हर गुजरते दिन के साथ इसे और मजबूती प्रदान की जानी चाहिए, यह महात्मा गांधी को हमारी श्रद्धांजलि होगी, जिनकी 150वीं जयंती हमने अभी-अभी मनाई है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां हमारी विशाल सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से जुड़ी हैं, इन स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के समाधानों का व्यापक और बहुआयामी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि समाधान में आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक ज्ञान दोनों की शक्ति का उपयोग करना चाहिए, मन और शरीर दोनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए एवं रोकथाम और उपचार दोनों शामिल करना चाहिए।

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