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Monday 18 November 2019 03:28:01 PM
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज शुरू हुआ। तेरह दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में संसद की 20 बैठकें होंगी। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संसद का बहुत महत्वपूर्ण सत्र बताया है। उन्होंने कहा कि यह राज्यसभा का 250वां सत्र होने के साथ-साथ भारतीय संविधान अंगीकृत होने का भी 70वां वर्ष होगा। प्रधानमंत्री ने देश को प्रगति के मार्ग पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राज्यसभा की भी प्रशंसा की और कहा कि राज्यसभा ने देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह वर्ष 2019 का अंतिम संसद सत्र है। उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को देश 70वां संविधान दिवस भी मनाएगा, इस दिन संविधान अंगीकृत किया गया था, इसलिए इस वर्ष इसके 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संविधान एक महान सिद्धांत है, जो देश की एकता, अखंडता और विविधता को बरकरार रखता है, यह भारत के लोकतांत्रिक सौंदर्य को अपने आपमें समेटे हुए है, यह देश को प्रेरणा देने वाली ताकत है। उन्होंने आह्वान किया कि संसद का यह सत्र हमारे संविधान के 70 वर्ष के बारे में जनता को जागरुक करने का एक संसाधन बनना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से पिछले सत्र की तरह विभिन्न चर्चाओं में सक्रिय और सकारात्मक रूपसे भाग लेने का अनुरोध किया, ताकि देश को उनकी चर्चाओं से सर्वोत्तम परिणाम हासिल हो सके और इन चर्चाओं का देश की प्रगति एवं कल्याण के लिए उपयोग किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सत्र के दौरान अप्रत्याशित उपलब्धियां प्राप्त हुईं, जो ना तो सरकार की हैं और ना ही सरकारी खजाने की, बल्कि ये उपलब्धियां पूरी संसद की हैं और सभी सदस्य ही इनके असली हकदार हैं। उन्होंने एकबार फिर सभी सदस्यों का उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि इस सत्र में भी देश की प्रगति के लिए नए उत्साह के साथ काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, यह भी बहुत जरूरी है कि मुद्दे के पक्ष और विपक्ष में अच्छी बहस हो और देश की बेहतरी एवं कल्याण के लिए चर्चाओं के निष्कर्षों का बेहतरीन समाधानों के रूपमें उपयोग हो।