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Saturday 30 November 2019 04:07:54 PM
लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत विश्व के नेतृत्व के लिए अग्रसर है, किंतु यह तभी संभव है, जब हमारी आंतरिक सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त होगी। यूपी पुलिस और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ में आयोजित 47वीं भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में अमित शाह ने कहा कि भारत की 15000 किलोमीटर से ज्यादा जमीनी सरहद, 7500 किलोमीटर का कोस्टलाइन बॉर्डर के साथ-साथ जब देश को मुश्किल में रखने के प्रयास हो रहे हों, तब आंतरिक सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। अमित शाह ने कहा कि 130 करोड़ का बाज़ार दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है, ऐसे में साइबर अटैक और फेक करेंसी पर भी रोक लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद, साइबर क्राइम आदि को कंट्रोल करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों की खड़ी की गईं चुनौतियां भी शामिल हैं। अमित शाह ने कहा कि जबतक देश आंतरिक रूपसे सुरक्षित नहीं होगा, विकसित नहीं हो सकता। गृहमंत्री ने कहा कि अच्छी पुलिसिंग तथा आंतरिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार प्रभावी कदम उठा रही है, अपराधों के त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान के दृष्टिगत केंद्र सरकार ‘मोडस ऑपरेंडी ब्यूरो’ की स्थापना करेगी, इस ब्यूरो के पास किसी भी घटना की एफआईआर दर्ज होते ही घटना का सारांश पहुंचेगा और वह इसका विश्लेषण करेगा, इसका मुख्य फोकस एक जैसे अपराध करने वालों से निपटना होगा, इससे आदतन अपराध करने वालों को शीघ्रता के साथ दंडित करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भव्य पुलिस स्मारक बनवाया है, जिसके माध्यम से आमजन के सम्मुख पुलिस की वीरगाथा प्रदर्शित की जा रही है। उन्होंने इस पुलिस स्मारक में प्रदर्शित करने के लिए राज्यों की पुलिस के उल्लेखनीय कार्यों पर लघु फिल्म और डाक्युमेंटरी भेजने को कहा, ताकि जनता के समक्ष पुलिस की छवि बेहतर की जा सके। अमित शाह ने इस अवसर पर पाकिस्तान के बारे में कहा कि हम पड़ोसी तो बदल नहीं सकते, किंतु स्वयं को चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं, जिसके लिए हमारी सुरक्षा अभेध होनी चाहिए। उनका कहना था कि भारत की विशाल विविधतापूर्ण संस्कृति जहां हमारे लिए गौरव की बात है, वहीं ज़िम्मेदारी भी बढ़ाती है, इतनी विविधताओं के कारण दुश्मन को भेद खड़ा करने की जगह मिलती है, जिसकी रोकथाम जरूरी है। अमित शाह ने कहा की शायद ही कोई दूसरा बल होगा, जिसके 33 हजार से ज्यादा जवानों ने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी हो, वह हमसे आशा करते हैं कि हम मां भारती को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाकर उनके बलिदान को सार्थक करने का काम करें। गृहमंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा में राज्यों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने कानून व्यवस्था में काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस परिवर्तन का माध्यम बने तभी इसकी सार्थकता होगी।
अमित शाह ने कहा कि हमें अपने युवाओं को नशे के जहर से बचाना है, क्योंकि युवा पीढ़ी को इससे दूर रखे बिना कोई देश कभी दुनिया का नेतृत्व नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्यों के नारकोटिक्स ब्यूरो में सामंजस्य बिठाने के लिए बदलाव की आवश्यकता है, जो जल्द ही किया जाएगा। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और अयोध्या में श्रीराम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एनआरसी एवं नागरिकता संशोधन बिल भी केंद्र और राज्य के सुरक्षा बलों के सामंजस्य से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जबतक अपराधियों को शीघ्र सजा नहीं मिलेगी, तबतक प्रभावी ढंग से अपराध नियंत्रण नहीं हो सकेगा। उन्होंने जेल मैनुअल को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट करके प्रभावी बनाने को कहा। उन्होंने केंद्रीय रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि इस सम्बंध में केंद्र सरकार विधेयक लाएगी, जिन राज्यों में पुलिस विश्वविद्यालय नहीं हैं, उनमें इनसे सम्बद्ध कालेज स्थापित किए जाएंगे, ताकि पुलिस को आंतरिक सुरक्षा एवं अच्छी पुलिसिंग से सम्बंधित अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तैयार ऑफिसर उपलब्ध हो सकें।गृहमंत्री ने कहा कि वर्ष 1960 से वर्ष 2019 तक पुलिस साइंस कांग्रेस के समक्ष जो भी शोध पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, उनपर क्या कार्रवाई हुई है, उनकी क्या स्थिति है, इनकी पड़ताल की जाए और सकारात्मक सुझावों तथा निष्कर्षों को लागू करने पर विचार किया जाए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट पुलिस की कल्पना रखी है, स्मार्ट का मतलब सेंसेटिव, मॉडर्न, अलर्ट तथा रिस्पोंसिव के साथ टेक्नोसेवी होना भी है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन कर दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, जिसके लिए निहायत जरूरी है कि देश की आंतरिक कानून व्यवस्था मजबूत हो। गृहमंत्री ने कहा कि सीआरपीसी तथा आईपीसी में सुधारात्मक बदलाव पर भी काम किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि जब देश में अंग्रेजों के समय में पुलिस व्यवस्था की स्थापना की गई थी, तब राज्य का रक्षण, खजाने का रक्षण, क्रांतिकारियों का दमन आदि की सोच थी, यह उनकी सोच को दर्शाता था, क्योंकि उन्हें अपना राज बरकरार रखना था, जबकि वर्तमान में पुलिस का दायित्व लोगों की सेवा और मानवाधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने पुलिस व्यवस्था के साथ पुलिसिंग व्यवस्था में सुधार पर जोर दिया। गृहमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीयस्तर की नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी तथा फॉरेंसिंक यूनिवर्सिटी बनेगी, जिसका उद्देश्य पुलिस और सशस्त्र बलों में जाने वाले विद्यार्थियों को तैयार करना होगा।
अमित शाह ने कहा कि देश में केसों में सजा कराने का अनुपात दयनीय है, जिसे फॉरेंसिक साइंस की वैज्ञानिक रिपोर्ट की मदद से सुधारा जा सकता है, इसके लिए मानव संसाधन की व्यवस्था भी करनी होगी। अमित शाह ने कहा कि एक दृष्टि से बीपीआरएंडडी का काम समायोजन है, इसके साथ बेस्ट प्रैक्टिस का एक्सचेंज, समस्याओं के समाधान पर चिंतन का भी काम बीपीआरएंडडी का है। भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉ दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक वीएसके कौमुदी, उत्तर प्रदेश पुलिस एवं पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी, सुरक्षा एजेंसियों, विधि विज्ञान संस्थानों एवं विधि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।