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Thursday 12 December 2019 03:52:53 PM
भुवनेश्वर। भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ने अपनी पचासवीं उड़ान (पीएसएलवी-सी48) में आरआईएसएटी-2बीआर1 और नौ वाणिज्यिक उपग्रहों का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। पीएसएलवी-सी48 ने पहले लांचपैड से 15:25 पर उड़ान भरी और 16 मिनट 23 सेकेंड के बाद आरआईएसएटी-2बीआर1 ने 576 किलोमीटर के एक कक्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। इसके बाद नौ वाणिज्यिक उपग्रहों को उनके इच्छित कक्षों में प्रविष्ट किया गया। अलग होने के बाद आरआईएसएटी-2बीआर1 की दो सौर सारणियों को स्वचालित रूपसे तैनात किया गया। इसीके साथ बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क ने इस उपग्रह पर नियंत्रण पा लिया। आने वाले दिनों में इस उपग्रह को इसके अंतिम परिचालन विन्यास में लाया जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने इस अवसर पर कहा कि हमने 50वें मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करके पीएसएलवी के इतिहास में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने पीएसएलवी@50 नामक पुस्तक का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि इस लांचर ने अंतरिक्ष में 52.7 टन का भार उठाया है, जिसमें से 17 प्रतिशत भार अन्य उपग्रहों का है। आरआईएसएटी-2बीआर1 एक रडार इमेजिंग पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह है, जिसका वजन लगभग 628 किलोग्राम है। यह उपग्रह कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। आरआईएसएटी-2बीआर1 की मिशन आयु 5 वर्ष है।
डॉ के सिवन ने कम समय में ही प्रक्षेपण यान और उपग्रह टीमों द्वारा इस मिशन को हासिल करने के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने बताया कि इजरायल, इटली, जापान और अमेरिका के नौ उपग्रहों को उनकी निर्दिष्ट कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है। ये उपग्रह न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक वाणिज्यिक अनुबंध के तहत प्रक्षेपित किए गए हैं। पीएसएलवी-सी48 क्यूएल विन्यास (4 सॉलिड स्ट्रैप-ऑन के साथ मोटर्स) में पीएसएलवी की दूसरी उड़ान है। पीएसएलवी के 50वें प्रक्षेपण के अलावा यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से 75वां प्रक्षेपण यान मिशन भी था। श्रीहरिकोटा में लगभग 7000 दर्शकों ने इस प्रक्षेपण को देखा।