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Thursday 23 July 2020 01:20:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया आइडियाज समिट में अमेरिका-भारत व्यापार परिषद यानी यूएसआईबीसी की 45वीं वर्षगांठ पर कहा है कि पिछले दशक में यूएसआईबीसी भारतीय और अमेरिकी कारोबार को करीब लाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूएसआईबीसी का इस साल का आइडियाज समिट-'बेहतर भविष्य का निर्माण' विषय भी बहुत प्रासंगिक है। गौरतलब है कि यह सम्मलेन अमेरिका-भारत व्यापार परिषद ने आयोजित किया है। प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए यूएसआईबीसी नेतृत्व की प्रतिबद्धता के लिए परिषद का धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री के संबोधन में विकास के एजेंडे, ग़रीबी एवं कमजोर वर्ग थे, जिनको उन्होंने परिषद का लक्ष्य बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 'ईज ऑफ लिविंग' उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना 'ईज ऑफ बिज़नेस'।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें बाहरी झटकों के खिलाफ वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन की महत्ता की याद दिलाई है, जो मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं से हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के जरिए भारत एक समृद्ध और सशक्त दुनिया बनाने में अपना योगदान कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में आशावाद है, क्योंकि यह खुलेपन, अवसरों और विकल्पों का आदर्श सम्मिश्रण प्रदान करता है। अमेरिका और भारत को स्वाभाविक साझीदार कहते हुए उन्होंने कहा कि यह साझेदारी महामारी के बाद विश्व के तेजी से पुरानी स्थिति में लौटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
अमेरिकी निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था को ज्यादा खुली और सुधार उन्मुख बनाने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुधारों से प्रतिस्पर्धात्मकता, ज्यादा पारदर्शिता, डिजिटलीकरण का विस्तार, ज्यादा नवाचार और ज्यादा नीतिगत स्थिरता सुनिश्चित हुई है। एक ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी इंटरनेट यूजर्स की तुलना में गावों में इंटरनेट यूजर्स ज्यादा हैं। भारत को अवसरों की भूमि बताते हुए उन्होंने कहा कि अब देश में लगभग आधे अरब एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं, जबकि आधे अरब से ज्यादा लोग कनेक्ट हो रहे हैं। उन्होंने 5जी तकनीक, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉक-चेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीकों में अवसरों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के व्यापक अवसर मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में हाल ही में कृषि क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक सुधारों की चर्चा की और कहा कि कृषि सामग्री और मशीनरी, कृषि आपूर्ति श्रृंखला, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, मत्स्य पालन और जैविक उत्पाद समेत कई क्षेत्रों में निवेश के अवसर मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र हर साल 22 प्रतिशत से ज्यादा की रफ्तार से बढ़ रहा है और चिकित्सा-प्रौद्योगिकी, टेली-मेडिसिन और डायग्नोस्टिक्स उत्पादन में भारतीय कंपनियों ने काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का यह सबसे अच्छा समय है। प्रधानमंत्री ने कई अन्य क्षेत्रों की सूची भी सामने रखी, जो निवेश के लिए शानदार अवसर प्रदान करते हैं जैसे-ऊर्जा क्षेत्र, घरों, सड़कों, हाइवे और बंदरगाहों के निर्माण, बुनियादी ढांचे का निर्माण, नागरिक उड्डयन, जिसमें आने वाले दशक में कई शीर्ष निजी भारतीय एयरलाइंस की एक हजार से ज्यादा नए विमान शामिल करने की योजना है, इस प्रकार किसी भी निवेशक के लिए अवसर खुले हैं, जो भारत में विनिर्माण सुविधाएं, रखरखाव मरम्मत व संचालन सुविधाएं स्थापित करना चाहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख किया कि भारत रक्षा क्षेत्र में एफडीआई कैप 74 प्रतिशत तक बढ़ा रहा है, रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्मों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए दो रक्षा गलियारे स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि निजी और विदेशी निवेशकों के लिए विशेष प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों का भी जिक्र किया। वित्त और बीमा में निवेश को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई कैप को बढ़ाकर 49 प्रतिशत और बीमा मध्यस्थों में निवेश के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि, व्यवसाय और जीवन बीमा में बीमा कवर बढ़ाने के व्यापक अवसर हैं, जिनका अभी इस्तेमाल ही नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में भारत के उभार की बात कही। उन्होंने कहा कि हर साल भारत में एफडीआई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है, वर्ष 2019-20 में भारत में एफडीआई प्रवाह 74 अरब डॉलर था, जो पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
प्रधानमंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच 20 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल किया है। उन्होंने कहा कि भारत के पास वह सब है, जो वैश्विक आर्थिक रिकवरी को ताकत प्रदान करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत के उदय का मतलब एक ऐसे राष्ट्र के साथ व्यापार के अवसरों में वृद्धि, जिसपर भरोसा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते खुलेपन के साथ वैश्विक एकीकरण में वृद्धि, बाज़ार तक पहुंच के साथ प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और कुशल मानव संसाधनों की उपलब्धता के साथ निवेश पर रिटर्न में वृद्धि इस बात के प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के कार्यकलापों की सराहना की और कहा कि यह परिषद वैश्विक आवश्यकताओं की पूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।