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Monday 11 January 2021 12:58:46 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में कोरोना महामारी के दौरान संबंधित देशों के प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका के लिए उनकी सराहना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्राध्यक्षों से विचार-विमर्श के दौरान उन्होंने हमेशा प्रवासी भारतीयों पर गर्व महसूस किया, जब उनके राष्ट्राध्यक्ष अपने देशों में चिकित्सकों, चिकित्सा-सहायकों और सामान्य नागरिकों के रूपमें भारतीयों के योगदान की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई में प्रवासी भारतीय के योगदान को भी सराहा। इस दिशा में वाई2के संकट से निपटने में भारत की भूमिका और भारतीय फार्मा उद्योग की प्रगति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की क्षमताओं से हमेशा मानवता को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का शमन करने में भारत ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है, उपनिवेशवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के नेतृत्व ने दुनिया को इन खतरों का सामना करने की शक्ति दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के भोजन, फैशन, पारिवारिक और व्यावसायिक मूल्यों के प्रति दुनिया के विश्वास का अधिकांश श्रेय प्रवासी भारतीयों को जाता है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के आचरण ने भारतीय तरीके और मूल्यों के प्रति रुचि जगाई है और जिज्ञासा के रूपमें जिस परंपरा का शुभारंभ हुआ, वह सम्मेलन के रूपमें सामने है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जैसे-जैसे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, इसमें प्रवासी भारतीयों की प्रमुख भूमिका है, क्योंकि भारत के उत्पादों में उनके उपयोग से भारतीय उत्पादों के प्रति अधिक विश्वास पैदा होगा। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को महामारी के खिलाफ भारत की सक्षम प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर वायरस के खिलाफ इस तरह की लोकतांत्रिक एकता का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। उन्होंने कहा कि पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर या परीक्षण किट जैसी महत्वपूर्ण चीजों में निर्भरता के बावजूद, भारत ने न केवल आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी क्षमताओं को विकसित किया बल्कि कई वस्तुओं का निर्यात करना भी प्रारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री ने सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी के नेतृत्व और उनके मुख्य अभिभाषण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और जल्द ही उनसे मिलने की उम्मीद भी जताई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत सबसे कम मृत्यु दर और सबसे तेजी से रिकवरी दर वाले देशों में शामिल है, दुनिया की फार्मेसी के रूपमें भारत विश्व की सहायता कर रहा है और भारत स्वदेश में विकसित दो टीकों के साथ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम को अपनाने के लिए तैयार है और पूरी दुनिया इसके लिए भारत की ओर देख रही है। प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में देश की प्रगति को रेखांकित किया और कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में भारत की व्यवस्था की वैश्विक स्तर पर प्रशंसा भी की गई, इसी तरह गरीबों के सशक्तीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति के मामले में भी देश की सराहना की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी युक्त, स्टार्ट-अप, पारिस्थितिकी प्रणाली और इसके उद्देश्य पूर्ण अभियान भारत की निरक्षरता के सदियों पुराने दृष्टिकोण को बदलकर एक नया इतिहास लिख रहे हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को शिक्षा से लेकर उद्यम तक के क्षेत्रों में हाल ही के महीनों में किए गए सुधारों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने इस संबंध में विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष रूप से उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी योजना का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों को उनकी मातृभूमि पर सभी प्रकार की सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने वंदे भारत मिशन का उल्लेख करते हुए जानकारी दी कि कोरोना महामारी के दौरान 45 लाख से अधिक भारतीयों को बचाया गया था। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के रोज़गार की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खाड़ी और अन्य क्षेत्रों से अप्रवासियों को लौटाने के लिए स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डेटाबेस फॉर एम्पलॉयमेंट सपोर्ट (एसडब्ल्यूएडीईएस) की पहल की गई है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के साथ बेहतर संपर्क और संचार के लिए ग्लोबल प्रवासी रिश्ता पोर्टल के बारे में भी चर्चा की। नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय सम्मान और क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर होने वाले महोत्सव में शामिल होने के लिए कहा। उन्होंने प्रवासी भारतीयों और भारतीय मिशनों के लोगों से एक पोर्टल तैयार करने के लिए कहा कि जिसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों के योगदान का दस्तावेजीकरण किया जा सके है।