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केंद्र व राज्यों में सहयोग बहुत जरूरी-प्रधानमंत्री

नीति आयोग की छठी प्रशासनिक परिषद बैठक में विचार-विमर्श

सहकारी संघवाद को और अधिक सार्थक बनाने पर जोर दिया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 20 February 2021 04:30:17 PM

narendra modi addresses the sixth meeting of the governing council of niti aayog

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग की छठी प्रशासनिक परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा है कि देश की प्रगति का आधार सहकारी संघवाद है और आज की बैठक इसे और अधिक सार्थक बनाने और प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की ओर बढ़ने पर विचार-विमर्श करने के लिए है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब राज्य और केंद्र सरकारों ने एकसाथ काम किया तो पूरे देश को सफलता मिली। उन्होंने कहा कि आज की बैठक का एजेंडा देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर ग़रीब को पक्का घर उपलब्ध कराने का अभियान भी चल रहा है, शहरों और गांवों को मिलाकर 2014 से अब तक 2 करोड़ 40 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के शुरू होने के 18 महीने के भीतर 3.5 लाख से अधिक ग्रामीण घरों में पाइप से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांवों में इंटरनेट सुविधा के लिए भारत नेट योजना एक बड़े बदलाव का माध्यम बन रही है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र और राज्य सरकारें ऐसी सभी योजनाओं में एकसाथ काम करेंगी तो काम की गति बढ़ेगी और लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट पर मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने राष्ट्र की भावना को व्यक्त किया है, देश ने अपना मन बना लिया है, वह तेजी से आगे बढ़ना चाहता है और समय बर्बाद नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि देश का निजी क्षेत्र इस विकास यात्रा में और अधिक उत्साह के साथ आगे आ रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक सरकार के रूपमें हमें निजी क्षेत्र के इस उत्साह ऊर्जा का सम्मान करना चाहिए और उन्हें आत्‍मनिर्भर भारत अभियान में अधिक से अधिक अवसर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत अभियान एक ऐसा भारत विकसित करने का माध्यम है, जो न केवल अपनी जरूरतों, बल्कि दुनिया के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पाद वैश्विक परीक्षणों पर खरे उतरें।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत जैसे युवा देश की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक अवसंरचना का निर्माण किया जाना चाहिए, नवाचार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और शिक्षा एवं कौशल के बेहतर अवसर के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने व्यवसायों, एमएसएमई और स्टार्ट-अप को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश के सैकड़ों जिलों के उत्पादों की विशेषता के आधार पर पहचान की गई है, जिससे उन्हें बढ़ावा मिला है और राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। उन्होंने इसे प्रखंड स्तर तक ले जाने, राज्यों के संसाधनों का पूरा उपयोग करने और राज्यों से निर्यात बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और नीतिगत ढांचे के महत्व पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के क्रम में विभिन्न क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना शुरु की है। उन्होंने राज्यों से इस योजना का पूरा फायदा लेने, अधिकतम निवेश आकर्षित करने और कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कमी का लाभ उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने बजट में अवसंरचना के लिए आवंटित धनराशि के बारे में कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को कई स्तरों पर आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने राज्यों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके बजट में विकास को गति देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्थानीय निकायों के आर्थिक संसाधनों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, स्थानीय शासन सुधारों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ सार्वजनिक भागीदारी भी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के आयात में लगभग 65,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जिसे हमारे किसानों के पास जाना चाहिए, इसी तरह कई कृषि उत्पाद हैं, जिनकी आपूर्ति न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी की जा सकती है, इसके लिए आवश्यक है कि सभी राज्य अपनी कृषि-जलवायु क्षेत्रीय योजना रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि कृषि से लेकर पशुपालन और मत्स्यपालन तक पर समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है, परिणामस्वरूप कोरोना के समय में भी देश के कृषि निर्यात में काफी वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कृषि-उत्पादों की बर्बादी को कम करने के लिए भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने मुनाफे को बढ़ाने के लिए कच्चे खाद्य पदार्थों की बजाय प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्यात करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुधार बहुत जरूरी हैं, ताकि हमारे किसानों को आवश्यक आर्थिक संसाधन, बेहतर अवसंरचना और आधुनिक तकनीक प्राप्त करने में सुविधा हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में ओएसपी नियमों में सुधार किया गया है, जो युवाओं को कहीं से भी काम करने की सुविधा देता है और हमारे प्रौद्योगिकी क्षेत्र को इससे काफी फायदा हुआ है, कई प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भू-स्थानिक डेटा को उदार बनाया गया है इससे हमारे स्टार्टअप और तकनीकी क्षेत्र को मदद मिलेगी और यह आम आदमी के जीवनयापन को भी आसान बनाएगा।

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