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Wednesday 13 July 2022 03:40:24 PM
नई दिल्ली। चीनी मोबाइल कंपनी मैसर्स ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बादमें 'ओप्पो इंडिया' के नामसे चर्चित ग्वांगडोंग ओप्पो मोबाइल टेलीकम्युनिकेशंस कॉरपोरेशन लिमिटेड चीन बादमें 'ओप्पो चीन' के नामसे चर्चित एक सहायक कंपनी की जांच के दौरान राजस्व गुप्तचर निदेशालय ने लगभग 4,389 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है। ओप्पो इंडिया पूरे भारत में निर्माण, कलपुर्जे जोड़ने, खुदरा व्यापार, मोबाइल हैंडसेट और एक्सेसरीज के वितरण के कारोबार में लगी हुई है। ओप्पो इंडिया मोबाइल फोन के विभिन्न ब्रांडों-ओप्पो, वनप्लस और रियलमी में डील करता है।
जांच के दौरान डीआरआई ने ओप्पो इंडिया के कार्यालय परिसरों और इसके प्रमुख प्रबंधन कर्मचारियों के आवासों की तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप ओप्पो इंडिया द्वारा मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग केलिए आयात की गई कुछ वस्तुओं के विवरण में जानबूझकर गलत जानकारी देने संबंधी संकेत देने वाले आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद हुए। ओप्पो इंडिया ने 2,981 करोड़ रुपये की अपात्र शुल्क छूट का गलत लाभ उठाया है। अन्य लोगों के अलावा ओप्पो इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन कर्मचारियों और घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से पूछताछ की गई, जिन्होंने अपने स्वैच्छिक बयानों में आयात के समय सीमा शुल्क अधिकारियों के सामने गलत विवरण प्रस्तुत करना स्वीकार किया। जांच में यह भी पता चला हैकि ओप्पो इंडिया ने मालिकाना टेक्नोलॉजी, ब्रांड एवं आईपीआर लाइसेंस आदि के उपयोग के बदले चीन में विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों को रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क केलिए धनराशि का हस्तांतरण एवं भुगतान के प्रावधान किए थे।
ओप्पो इंडिया भुगतान की गई रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क को उनके आयात किएगए सामान के लेनदेन मूल्य में नहीं जोड़ रहा था, जो सीमा शुल्क कानून-1962 की धारा 14 का उल्लंघन है। इसे सीमा शुल्क मूल्यांकन (आयातित वस्तुओं के मूल्य का निर्धारण) नियम-2007 के नियम 10 केसाथ पढ़ा जाए। इस खाते पर मेसर्स ओप्पो इंडिया ने 1,408 करोड़ रुपये की कथित शुल्क चोरी की है। ओप्पो इंडिया ने उसके द्वारा भुगतान किए गए आंशिक अंतर सीमा शुल्क के रूप में 450 करोड़ रुपये की राशि जमा की। जांच पूरी होने के बाद ओप्पो इंडिया को 4,389 करोड़ रुपये की राशि की मांग करते हुए एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें सीमा शुल्क कानून-1962 के प्रावधानों के तहत ओप्पो इंडिया, उसके कर्मचारियों और ओप्पो चीन पर कड़े दंड का भी प्रस्ताव है।